Samvidhaan Hatya Diwas: 'संविधान हत्या दिवस' पर नीतीश की पार्टी ने साफ किया रुख, KC Tyagi का आया बयान
पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गैर-जैविक प्रधान मंत्री द्वारा पाखंड में एक और सुर्खियां बटोरने की कवायद, जिन्होंने भारत के लोगों द्वारा 4 जून, 2024 को एक निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार देने से पहले दस वर्षों तक अघोषित आपातकाल लगाया था।
केंद्र सरकार ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार 12 जुलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। हालांकि, सरकार के इस ऐलान के बाद दी विपक्ष हमलावर हो गया। विपक्ष भी मोदी सरकार पर कई बड़े आरोप लगा रहा है। हालांकि, सबको इस बात की भी उत्सुकता थी कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का इस पर क्या रुख रहता है। इसी को लेकर अब जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का बड़ा बयान सामने आया है।
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जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि हम केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना करते हैं। आपातकाल के दौरान उन्हें जेल जाने का भी मौका मिला। इससे उनके परिवार वालों को भी परेशानी हुई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जेडीयू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस फैसले का स्वागत करती है। 25 जून 1975 भारत के इतिहास का एक काला दिन है और हमें खुशी है कि इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में याद किया जाता है। कांग्रेस पर तंज सकते हुए उन्होंने कहा कि जब जयराम रमेश की पार्टी जश्न मना रही थी, हम सभी सलाखों के पीछे थे और उन्हें दर्द का अंदाजा नहीं था।
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गैर-जैविक प्रधान मंत्री द्वारा पाखंड में एक और सुर्खियां बटोरने की कवायद, जिन्होंने भारत के लोगों द्वारा 4 जून, 2024 को एक निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार देने से पहले दस वर्षों तक अघोषित आपातकाल लगाया था। इसके साथ ही उन्होंने 4 जून को मोदीमुक्ति दिवस से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यह एक गैर-जैविक प्रधान मंत्री है जिसने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों और संस्थानों पर व्यवस्थित हमला किया है।
रमेश ने कहा कि यह एक गैर-जैविक प्रधान मंत्री हैं जिनके वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरणा नहीं लेता है। यह एक गैर-जैविक पीएम हैं जिनके लिए लोकतंत्र का मतलब केवल डेमो-कुर्सी है। वहीं, फैसले की घोषणा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था।
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भाजपा नेता ने आगे लिखा कि लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था। उन्होंने यह भी लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया।
#WATCH | Delhi: On June 25 to be observed as Samvidhan Hatya Divas in remembrance of the 1975 Emergency, JD(U) leader KC Tyagi says, " JD(U) welcomes this decision by Union Home Minister Amit Shah. June 25, 1975 is a black day in the history of India and we are happy that it is… pic.twitter.com/G8vHPEybCE
— ANI (@ANI) July 13, 2024
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