जंगलराज कायम करने वालों का नौकरी और विकास की बात करना मजाक: नीतीश कुमार
अपनी सरकार के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनके (राजद की पूर्ववर्ती सरकार) अंतिम वर्ष का उनका बजट 24 हजार करोड़ रुपये से भी कम था लेकिन जब हमें मौका मिला तो यही बजट आज 2 लाख 11 हजार करोड़ से ज्यादा का हो गया है।
नीतीश कुमार ने लोगों से कहा, ‘‘ जो पूरी स्थिति को देखे हुए हैं, वे नई पीढ़ी को पहले की स्थिति और आज की स्थिति के बारे में बताएं, उस दौर की तस्वीर खाएं।’’ राजद नेतृत्व पर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ लोगों को मौका मिला तो क्या किया ? अपने पिता से पूछो, अपनी माता से पूछो कि क्या कोई स्कूल बना ? क्या कोई कॉलेज बना?’’ उन्होंने लालू प्रसाद का नाम लिये बिना कहा कि जब राज करने का मौका मिला तब राज करके ग्रहण करते रहे और जेल चले गए तब पत्नी को गद्दी पर बैठा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोई गड़बड़ करने वाला नहीं बचेगा और उसे अंदर (जेल) जाना होगा। तेघड़ा में मुख्यमंत्री की रैली के दौरान कुछ लोगों ने शोर शराबा किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके लिये ऐसा कर रहे हो, उसके बारे में सभी को पता है। विपक्षी राजद को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सभी को पढ़ाया जाए लेकिन कुछ लोग बिना पढ़े ही काम करना चाहते हैं।’’Live - बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की चुनावी सभा। विधानसभा- तेघड़ा (बेगुसराय) से https://t.co/XakXiVRYtJ
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 24, 2020
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उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने पर स्कूलों की स्थापना की गई, महिलाओं को पंचायतों एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि हमने न्याय के साथ विकास सुनिश्चित किया और अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, अतिपिछड़े, महादलितों सभी को आगे बढ़ाने का काम किया जिन्हें पहले कोई पूछता नहीं था। उन्होंने कहा कि हमें आगे काम करने का मौका मिला तो हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचा देंगे। नई टेक्नोलॉजी को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे, सभी युवक-युवतियों को इसका प्रशिक्षण दिलवाएंगे। अपनी सरकार के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनके (राजद की पूर्ववर्ती सरकार) अंतिम वर्ष का उनका बजट 24 हजार करोड़ रुपये से भी कम था लेकिन जब हमें मौका मिला तो यही बजट आज 2 लाख 11 हजार करोड़ से ज्यादा का हो गया है। उन्होंने कहा कि अब हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है और साल 2005 में बिजली की खपत मात्र 500 मेगावाट थी, वह आज 6000 मेगावाट हो गई है।
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