Bihar: अचानक बीजेपी एमएलसी के घर पहुंचे नीतीश कुमार, आखिर क्या संदेश देने की हो रही कोशिश
नीतीश कुमार भाजपा एमएलसी के घर कुछ देर रुके, बातचीत की और घटना का प्रसाद खाकर वहां से चले गए। यह पूरी तरह से शिष्टाचार मुलाकात थी। इससे पर कुछ देर पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी संजय मयूख के घर पहुंचे थे।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर विपक्षी एकता साफ तौर पर दिखाई दे रही है। हालांकि, सबकी निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर है। नीतीश कुमार ने अब तक इस मामले को लेकर चुप्पी साधी हुई है। हालांकि, उनकी पार्टी विपक्ष की बैठकों में जरूर शामिल हो रही है। लेकिन नीतीश के चुप्पी पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इन सबके बीच छठ के अवसर पर नीतीश कुमार अचानक ही भाजपा के एमएलसी संजय मयूख के घर खरना का प्रसाद खाने पहुंचे। अब इसको लेकर बिहार में एक बार फिर से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। संजय मयूख के घर नीतीश कुमार का पहुंचना इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि भाजपा एमएलसी को दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी मिली हुई है और वह नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भी खास माने जाते हैं।
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नीतीश कुमार भाजपा एमएलसी के घर कुछ देर रुके, बातचीत की और घटना का प्रसाद खाकर वहां से चले गए। यह पूरी तरह से शिष्टाचार मुलाकात थी। इससे पर कुछ देर पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी संजय मयूख के घर पहुंचे थे। हालांकि, चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि नीतीश कुमार राहुल गांधी प्रकरण को लेकर पूरी तरह से चुप हैं और अगस्त में एनडीए से अलग होने के बाद जिस तरीके से भी भाजपा पर हमलावर थे, अब वैसा रुख उनका नहीं रहा। भाजपा को लेकर वह लगातार नरम दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि राजद के अलावा कांग्रेस सहित कई अन्य दलों के लिए नीतीश कुमार अब एक चिंता का विषय बने हुए हैं। नीतीश कुमार के कदम को देखा जाए तो वह महागठबंधन के दूसरे नेताओं से अलग है। बीजेपी से भी उनके नजदीकिया बढ़ती दिखाई दे रही।
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सवाल यह है कि अब नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है? सूत्रों ने दावा किया है कि नीतीश कुमार राजद के साथ गठबंधन में बहुत ज्यादा कंफर्टेबल नहीं है। नीतीश कुमार चुप रह कर भी बहुत बड़ा संदेश दिया करते हैं। अप्रैल 2022 में जब नीतीश कुमार राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे तो चर्चाओं के दौर शुरू हो गए थे और जिस बात की चर्चा शुरू हुई थी, वह दो-तीन महीने बाद घटित भी हो गई। इसी कारण इस बार भी नीतीश कुमार का संजय मयूख के घर जाना काफी कुछ बता रहा है। नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद विपक्षी एकता की कवायद भी की थी लेकिन अब वह इससे बचते दिखाई देते हैं।
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