माइक बंद पर राजनीति चालू, निर्मला सीतारमण बोलीं- ममता बनर्जी का दावा पूरी तरह से झूठ
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद था जो सच नहीं है। उन्हें इसके पीछे सच बोलना चाहिए न कि फिर से झूठ पर आधारित कहानी गढ़नी चाहिए।
नीति आयोग की बैठक मे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माइक बंद करने वाले दावे पर राजनीति चालू हो गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे पूरी तरह से झूठ बताया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में सीएम ममता बनर्जी शामिल हुईं। हम सबने उन्हें सुना। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक सीएम को आवंटित समय दिया गया था और उसे हर टेबल के सामने मौजूद स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था। यह पूरी तरह झूठ है। हर सीएम को बोलने के लिए उचित समय दिया गया।
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वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद था जो सच नहीं है। उन्हें इसके पीछे सच बोलना चाहिए न कि फिर से झूठ पर आधारित कहानी गढ़नी चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैंने नहीं देखा कि (नीति आयोग) बैठक में क्या हुआ है।' उन्होंने कहा कि मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि यह तथाकथित INDI गठबंधन बिल्कुल भी गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी। वे जनता के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं, हाय तौबा मचा रहे हैं।
इससे पहले ममता ने दावा किया कि मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे केवल 5 मिनट के लिए बोलने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की। विपक्ष से मैं अकेली था जो भाग ले रही थी लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि मैं बोल रही थी, मेरा माइक बंद हो गया। मैंने कहा आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं। मैं बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए बजाय इसके कि आप अपनी पार्टी, अपनी सरकार को अधिक गुंजाइश दे रहे हैं। विपक्ष की ओर से सिर्फ मैं हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं...यह सिर्फ बंगाल का ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रीय पार्टियों का अपमान है।
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दरअसल, विपक्ष शासित राज्यों के लगभग सभी मुख्यमंत्रियों का आरोप है कि इस बार के केंद्रीय बजट में उनका हक नहीं दिया गया है। यहीं कारण है कि वो लोग नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। आज नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट भाजपा का बहिष्कार करने वाले राज्यों और लोगों के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने इंडिया ब्लॉक को वोट देने वालों से बदला लेने के लिए बजट तैयार किया है। केंद्र की भाजपा सरकार लगातार तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है।
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