निर्भया के दोषी मुकेश की याचिका फिर खारिज, अब होकर रहेगी फांसी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘’राष्ट्रपति का पद बहुत बड़ा और ज़िम्मेदारी का है। हम मानते हैं कि उन्होंने सोच विचार कर फैसला लिया है।'''' जेल में मुकेश के शोषण की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शोषण की शिकायत पर फांसी की सज़ा माफ नहीं की जा सकती।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के एक दोषी मुकेश कुमार सिंह की दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली अपील बुधवार को ठुकरा दी। न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की एक पीठ ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका का शीघ्र निपटारा किए जाने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने सोच-समझकर फैसला नहीं किया।
पीठ ने कहा कि निर्भया मामले में सुनवाई अदालत, उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत के फैसले सहित प्रासंगिक रिकॉर्ड राष्ट्रपति के समक्ष गृह मंत्रालय की ओर से पेश किए गए। अदालत ने यह भी कहा कि जेल में कथित पीड़ा का सामना करने को राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के खिलाफ आधार नहीं बनाया जा सकता । दिल्ली में दिसम्बर 2012 में हुये इस जघन्य अपराध के लिये चार मुजरिमों को अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी। इन दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी।
अन्य न्यूज़