अगले साल युवा सशक्तीकरण और शिक्षा में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा: Khandu
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि राज्य के विकास और समृद्धि के लिए युवा सशक्तीकरण और शिक्षा क्षेत्र में सुधार आवश्यक है तथा उनकी सरकार 2025 में इन क्षेत्रों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करेगी। राज्य सरकार ने अपने बजट में 2024-25 को ‘युवाओं का वर्ष’ घोषित किया है।
(उत्पल बरुआ) ईटानगर । अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि राज्य के विकास और समृद्धि के लिए युवा सशक्तीकरण और शिक्षा क्षेत्र में सुधार आवश्यक है तथा उनकी सरकार 2025 में इन क्षेत्रों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करेगी। राज्य सरकार ने अपने बजट में 2024-25 को ‘युवाओं का वर्ष’ घोषित किया है। खांडू ने कहा कि सरकार का यह कदम राष्ट्र एवं राज्य को आकार देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देता है। मुख्यमंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘युवाओं का वर्ष दर्शाता है कि विकसित भारत और विकसित अरुणाचल के निर्माण में हमारे युवाओं की बड़ी जिम्मेदारी को हम पहचानते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह कदम सत्तारूढ़ पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों के अनुरूप है। ‘युवाओं के वर्ष’ का एक प्राथमिक उद्देश्य युवा पीढ़ी में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना है। सरकार का लक्ष्य विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से एक मजबूत उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। खांडू ने कहा, ‘‘हमारी सरकार युवाओं को उद्यमशीलता के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराएगी और कौशल विकास कार्यक्रमों पर जोर देगी।’’ उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अरुणाचल प्रदेश उद्यमिता विकास कार्यक्रम (एपीईडीपी) पहले ही शुरू किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से भारतीय प्रबंधन संस्थान और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) गुवाहाटी जैसी संस्थाओं को जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र एक और ऐसा प्रमुख क्षेत्र है जिस पर सरकार ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य अगले तीन वित्त वर्षों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर बुनियादी ढांचे और छात्रों को बेहतर अवसर सुनिश्चित कराने के लिए परिवर्तनकारी बदलाव करने की योजना बना रहा है। खांडू ने कहा, ‘‘मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा मंत्री पी डी सोना और उनके सलाहकार मुचू मिथी के नेतृत्व में राज्य भर में विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार केवल राज्य की साक्षरता दर में सुधार करने के बजाय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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