नाम I.N.D.I.A. और काम भारत का विरोध ! PM Modi ने सही कहा था- ''चेहरे पर चेहरे चढ़ा लेते हैं लोग, सच्चाई कुछ और है''

xi jinping sonia rahul
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आपको बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया है कि चीन से मिली फंडिंग के जरिये मोदी और भारत के विरोध में अभियान चलाया जा रहा है। हम आपको यह भी बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स वही अखबार है जिसे घोर मोदी विरोधी माना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा था कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता। उनकी यह बात सही भी साबित हुई। विपक्ष ने जनता को दिखाने के लिए अपने गठबंधन का नाम यूपीए से बदल कर इंडिया तो कर दिया लेकिन इस गठबंधन का काम असल में भारत विरोध था। यानि नाम इंडिया और काम भारत का विरोध। यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीनी इशारे पर चलने वाली भारत विरोधी गतिविधियों का खुलासा किया है। इस खुलासे से मोदी सरकार के उन आरोपों को बल मिला है जिसके तहत बार-बार कहा जाता है कि भारत की छवि बिगाड़ने के उद्देश्य से विदेशी शक्तियां जो अभियान चला रही हैं उसमें हमारे देश के भी कुछ लोग शामिल हैं।

अमेरिकी अखबार का खुलासा यह भी दर्शाता है कि भारत में अब राष्ट्रहित को ही सर्वोपरि रखने के चलते प्रधानमंत्री मोदी से विपक्षी राजनीतिज्ञ ही परेशान नहीं हैं बल्कि कुछ देशों की सरकारें भी परेशान हैं। हम आपको बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया है कि चीन से मिली फंडिंग के जरिये मोदी और भारत के विरोध में अभियान चलाया जा रहा है। हम आपको यह भी बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स वही अखबार है जिसे घोर मोदी विरोधी माना जाता है। यानि अगर मोदी विरोधी ही इस बात का खुलासा करे कि कैसे भारत विरोधी अभियान चल रहा है तो उसकी रिपोर्ट की सत्यता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। वैसे भी न्यूयॉर्क टाइम्स ने आज जो कहा है उसे भारत सरकार पहले से कहती रही है इसलिए विदेशी शक्तियों से निर्देश और पैसे प्राप्त करने वाले न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक पर ईडी ने छापे की कार्रवाई भी की थी लेकिन तब इसे अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए एडिटर्स गिल्ड और कुछ बुद्धिजीवी विरोध में खड़े हो गये थे। लेकिन अब जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने बड़ा खुलासा किया है तब उन सबके मुँह पर ताले पड़ गये हैं।

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हम आपको बता दें कि इस मुद्दे को लेकर भाजपा और सरकार ने कांग्रेस को बुरी तरह घेर लिया है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान साफ देखा जा सकता है तो दूसरी ओर लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रुख दिखाया। इसके अलावा भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय तथा भाजपा के अन्य नेता और कार्यकर्ता भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए कांग्रेस और उसके चीनी कनेक्शन को आड़े हाथ ले रहे हैं।

जहां तक केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि कांग्रेस, चीन और न्यूज़क्लिक एक गर्भनाल का हिस्सा हैं और वे भारत विरोधी एजेंडा चला रहे थे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2021 में हमने न्यूज़क्लिक को बेनक़ाब किया कि कैसे विदेशी दुष्प्रचार भारत के ख़िलाफ़ चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस भारत विरोधी अभियान में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उनके समर्थन में आए, चीनी कंपनियां नेविल रॉय सिंघम के माध्यम से न्यूज़क्लिक को फंडिंग कर रही थीं लेकिन उनके सेल्समैन भारत के कुछ लोग थे, जो उनके खिलाफ कार्रवाई होने पर उनके समर्थन में आ गए थे।

वहीं, लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं पर ‘चीन के साथ मिलकर देश के खिलाफ माहौल बनाने का आरोप लगाया।’ उन्होंने दावा किया कि न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की एक खबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों के हवाले से खुलासा किया गया है कि न्यूजक्लिक नामक पोर्टल को भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन से किस तरह पैसे मिले और वह धन किस तरह नक्सलियों और अन्य लोगों को पहुंचाया गया। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि न्यूजक्लिक का प्रमुख ‘देशद्रोही टुकड़े-टुकड़े गिरोह का’ एक सदस्य है।

झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने आरोप लगाया, ‘‘जब भारत पर संकट आया......2005 से लेकर 2014 तक.... चीन सरकार ने कांग्रेस को पैसा दिया। जिसका एफसीआरए लाइसेंस भारत सरकार ने निरस्त किया।’’ भाजपा सांसद ने आरोप लगाया, ‘‘2008 में जब ओलंपिक (चीन में) हुआ तब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आमंत्रित किया गया था और 2017 में डोकलाम के समय ये (कांग्रेस नेता) चीनी लोगों के साथ बात कर रहे थे।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ‘हिंदी चीनी भाई-भाई’ की नीति को बढ़ाना चाहते हैं और देश का विभाजन करना चाहते हैं। दुबे ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस चीन के साथ मिलकर देश को तहस-नहस करना चाहती है।’’ उन्होंने दोनों पक्षों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच कहा कि ‘‘कांग्रेस को चीन से जितना अनुदान मिला है, सरकार को उसकी जांच करानी चाहिए और कांग्रेस को चुनाव लड़ने के लिहाज से अवैध घोषित कर देना चाहिए।’’ 

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