NCRB के आंकड़े भाजपा के अच्छे दिनों की कहानी कह रहे - जीतू पटवारी
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि क्या यही वह अच्छे दिन है जिसे भारतीय जनता पार्टी, मोदी जी और शिवराज जी ने देने का वादा किया था। अब लोग गुहार लगा रहे है कि हमें हमारे पुराने दिन लौटा दो। जीतू पटवारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के आधीन आने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार मेरे प्रदेश मध्य प्रदेश में भाजपा शासन काल के दौरान किसान, मजदूर और युवा बेरोजगारों ने मजबूर होकर मौत को अपने गले लगाया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी, पूर्व मंत्री और कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हालही में आई राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है। जीतू पटवारी ने कहा कि मोदी जी, शिवराज जी और भारतीय जनता पार्टी एनसीआरबी के आंकडे यह बताते है कि कितनी भयावाह स्थिति देश की है।साल 2019 में हर दिन 28 किसानों और 89 दिहाड़ी मजदूरों ने अपनी जान दी है। देश में 2019 सबसे अधिक आत्महत्या करने वाला वर्ष बन गया है। वर्ष 2019 में 10281 किसानों और खेतिहर मजदूरों ने जान दी है। जबकि 32,559 दिहाड़ी मजूदरों ने इस अवधि में आत्महत्या की है। साल 2019 में कुल 139,123 लोगों ने पूरे देश में जान दी। पूरे देश में मौत को गले लगाने वाले लोगों में 7.4 फीसदी लोग खेती से जुड़े किसान और खेतिहर मजूदर थे। यही नहीं आत्महत्या करने वालों में बेरोजगार युवा भी थे।
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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि क्या यही वह अच्छे दिन है जिसे भारतीय जनता पार्टी, मोदी जी और शिवराज जी ने देने का वादा किया था। अब लोग गुहार लगा रहे है कि हमें हमारे पुराने दिन लौटा दो। जीतू पटवारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के आधीन आने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार मेरे प्रदेश मध्य प्रदेश में भाजपा शासन काल के दौरान किसान, मजदूर और युवा बेरोजगारों ने मजबूर होकर मौत को अपने गले लगाया है। उन्होनें कहा कि यह प्रदेश की वस्तु स्थिति है, शिवराज सिंह चौहान का असली चेहरा है। मध्य प्रदेश को आत्महत्याओं का हब बना दिया है। जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान जिस जिले सीहोर की बुधनी विधानसभा से चुनकर आते है वहाँ पिछले तीन दिनों में तीन-तीन लोगों ने आत्महत्या की है। यह देश का सबसे अधिक आत्महत्या करने वाला जिला बना हुआ है। जबकि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आने के बाद हम किसान हित में काम कर रहे थे जिसके चलते किसानों में आत्महत्या नहीं बल्कि आत्मविश्वास का भाव पैदा हुआ था। जिसे संसद में भी स्वीकारा गया।
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जीतू पटवारी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री जी से किसानों, मजदूरों और युवा बेरोजगारों की आत्महत्या को लेकर सवाल किए जाते है तो वह और उनके मंत्री कहते है मानसिक स्थिति किसान की ठीक नहीं है, मुझे उनके इस उत्तर से शर्म आती है दुःख होता है। किसान जब अन्न उगाकर देता है, देश का पेट भरता है, तब वह भगवान होता है। वह जब परेशान होकर आपकी यातनाओं से आत्महत्या करने को मजबूर होता है तब मुख्यमंत्री जी और आपके मंत्री उनकी मानसिक स्थिति, दिमाग खराब होने का वक्तव्य देते है। जीतू पटवारी ने कहा कि किसान देख रहा है, किसान की आह ऐसी लगेगी कि आप समझ नहीं पाओगे शिवराज जी कि आपने गोलियां चलवाई थी, मुकदमें लगवाए थे, थाने में पिटवाया था अब उनकी आह ले रहे हो यही एनसीआरबी के आंकडे बताते है।
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