नेकां व कांग्रेस एलएएचडीसी-करगिल का मुख्य कार्यकारी पार्षद का पद बारी-बारी अपने पास रखेंगे: उमर
माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक एम.वाई. तारिगामी ने भी चुनाव परिणाम के लिए करगिल के लोगों को बधाई दी और कहा, अगस्त 2019 के बाद जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विभाजित किया और लगभग नष्ट कर दिया, तो एक नई स्थिति सामने आई जिसमें भाजपा ने दावा करना शुरू कर दिया कि उन्हें भारी समर्थन मिल रहा है क्योंकि इसने लद्दाख के लोगों की लोकप्रिय मांग को पूरा किया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी ने लद्दाख स्वायत्त पर्वत विकास परिषद-करगिल में मुख्य कार्यकारी पार्षद पद को बारी-बारी से रखने को लेकर कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व समझौता किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर एलएएचडीसी-करगिल में 22 सीट जीती हैं। अधिकारियों ने बताया कि चार अक्टूबर को 26 सीट पर चुनाव हुआ था। प्रशासन 30-सदस्यीय एलएएचडीसी-करगिल के लिए चार सदस्यों को मनोनीत करता है और उनके पास मतदान का अधिकार होता है। अधिकारियों के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने 12 सीट जीतीं और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 10 सीट पर जीत दर्ज की है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो सीट जीतीं, जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवार भी विजय हुए हैं। अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों को बताया कि चुनाव से पहले यह तय हो गया था कि करगिल में मुख्य कार्यकारी पार्षद का पद बारी-बारी के आधार पर ढाई-ढाई साल के लिए दोनों दल अपने पास रखेंगे। उन्होंने कहा, “ यह नतीजे आने के बाद नहीं बदला है और यह तब भी नहीं बदलता अगर हम 16 सीटें जीतते और कांग्रेस सिर्फ छह सीटें जीतती।” पूछा गया कि इस पद पर पहले किस पार्टी का नेता आसीन होगा तो उन्होंने कहा, बड़ा साझेदार होने के नाते नेशनल कॉन्फ्रेंस को पहले मौका मिलना चाहिए। यह गठबंधन धर्म के अनुरूप भी होगा। नेकां नेता ने कहा, “ मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए मिसाल कायम करना चाहेगी।
अगर कांग्रेस (लोकसभा चुनाव में) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है, तो क्या वह छोटे साझेदार के लिए प्रधानमंत्री पद छोड़ देगी? यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में अन्य चुनावों में कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए तैयार है, अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “ ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा शुरू नहीं हुई है।’ वहीं, एलएएचडीसी-करगिल में जीत के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू में अपने अपने पार्टी मुख्यालय में जश्न मनाया। गठबंधन ने नतीजों को केंद्र द्वारा पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर के विभाजन के फैसले के खिलाफ जनमत संग्रह करार दिया।
नेकां के जम्मू क्षेत्र के अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता और पूर्व मंत्री अजय सधोत्रा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता जम्मू के रेजीडेंसी रोड पर स्थित पार्टी मुख्यालय में एकत्र हुए और ढोल की धाप पर नृत्य किया। सधोत्रा ने दावा किया, भाजपा जम्मू-कश्मीर में (विधानसभा) चुनाव कराने से डरती है और करगिल चुनाव की जीत ने उसके डर को सही साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि करगिल चुनाव के नतीजे पार्टी कैडर के लिए ‘बूस्टर खुराक’ के रूप में काम करेंगे और हम आश्वस्त हैं कि जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार हमारी बनेगी।” कांग्रेस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटकर और पटाखे फोड़कर करगिल चुनाव में जीत का जश्न मनाया और भारत जोड़ो यात्रा के लिए राहुल गांधी और पार्टी की प्रशंसा की।
भल्ला ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में जब भी विधानसभा चुनाव होंगे, तो भाजपा के लिए यही परिणाम रहेगा। कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा का नतीजा है, जिन्होंने अगस्त में करगिल और लेह दोनों जिलों का दौरा किया था। माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक एम.वाई. तारिगामी ने भी चुनाव परिणाम के लिए करगिल के लोगों को बधाई दी और कहा, अगस्त 2019 के बाद जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विभाजित किया और लगभग नष्ट कर दिया, तो एक नई स्थिति सामने आई जिसमें भाजपा ने दावा करना शुरू कर दिया कि उन्हें भारी समर्थन मिल रहा है क्योंकि इसने लद्दाख के लोगों की लोकप्रिय मांग को पूरा किया। उन्होंने कहा, हमारे लिए भी एक अच्छा संदेश है कि इस तानाशाही शासन को हराने के लिए विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है।
अन्य न्यूज़