छत्तीसगढ़ में नक्सली वारदातें बीस प्रतिशत अधिकः सांसद संतोष पाण्डेय
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ते नक्सल वारदातों के बीच कांग्रेस सरकार की असंवेदनशीलता के चलते भय का वातावरण व्याप्त है। बीजापुर के नक्सली हिंसा में किसी ने भी जवानों के सुध लेने की जरूरत नही समझी है। जो बेहद ही दुखद व निंदनीय है।
रायपुर। सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातर नक्सली हिंसा के चलते पूरे देश में छवि बिगड़ रही है। इन दो वर्षों में देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली घटनाओं में कमी आ रही है। वर्ष 2018 में देशभर में 833 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं।जो 2019 में घटकर 670 और 2020 में घटकर 665 हो गई है। लेकिन छत्तीसगढ़ में 20 प्रतिशत अधिक नक्सली वारदातें दर्ज की गयी है।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2019 की तुलना में 2020 में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं। छत्तीसगढ़ में 2018 से लेकर 2020 तक तीन साल में 970 नक्सली घटनाएं हुई थीं। जिनमें सुरक्षाबलों के 113 जवान वीरगति को प्राप्त हुए गये।
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उन्होंने कहा कि 2019 में छत्तीसगढ़ में 263 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं। वहीं 2020 में करीब 20% बढ़कर 315 हो गईं। सांसद पाण्डेय ने कहा कि जबकि 2019 में नक्सली हमलों में छत्तीसगढ़ में 22 जवान शहीद हुए थे और 2020 में 36 जवानों की जान गई। अभी 2021 के इन चार माह में ही करीब 27 जवान वीरगति को प्राप्त किये है। यह मात्र दो मात्र बीजापुर और नारायणपुर की वारदात का आकड़ा हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ते नक्सल वारदातों के बीच कांग्रेस सरकार की असंवेदनशीलता के चलते भय का वातावरण व्याप्त है। बीजापुर के नक्सली हिंसा में किसी ने भी जवानों के सुध लेने की जरूरत नही समझी है। जो बेहद ही दुखद व निंदनीय है।
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