नकवी का आरोप, बंजर सियासी जमीन से किसानों के हितों पर खंजर चला रही है कांग्रेस
नकवी ने कहा कि कांग्रेस एन्ड कंपनी का कहना है कि अनुबंधित कृषि समझौते में किसानों का पक्ष कमजोर होगा और वे कीमतों का निर्धारण नहीं कर पाएंगे जबकि सच यह है कि किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सकेगा।
मुरादाबाद। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि किसानों के खेत पर “सियासत की खेती” करने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस अपनी “बंजर सियासी जमीन” से “किसानों के हितों पर खंजर चला रही है। "किसान चौपाल" के दौरान किसानों को सम्बोधित करते हुए नकवी ने कहा कि मोदी सरकार के किसानों की आमदनी दोगुना करने के संकल्प ने बिचौलियों की परेशानी चौगुनी कर दी है। ऐसे ही बिचौलियों के साम्राज्य को बचाने की कांग्रेस सियासत कर रही है। नकवी ने कहा कि कृषि प्रधान भारत, कृषक प्रधान हिंदुस्तान के रास्ते पर चल पड़ा है जहाँ किसानों के अन्न का भरपूर दाम, अन्नदाता का भरपूर सम्मान है।
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाये गए कृषि सुधार बिल देश के करोड़ों किसानों की "आँखों में खुशी, जिंदगी में खुशहाली" की गारंटी हैं। कृषि सुधार बिल, दशकों से बिचौलियों के चंगुल में फंसे किसानों को आजादी दिलाकर किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं। नकवी ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथी किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की राह में रोड़ा खड़ा कर रहे हैं और बिचौलियों का समर्थन करने का पाप कर रहे हैं जिसके लिए देश के करोड़ों मेहनती किसान कांग्रेस और उसके साथियों को कभी माफ नहीं करेंगे। कांग्रेस एन्ड कंपनी किसानों को भ्रमित करने की अपनी साजिश में कभी कामयाब नहीं होंगे। मोदी सरकार का एकमात्र संकल्प किसानों की समृद्धि है। इन बिलों से न तो एमएसपी और न ही मंडियां खत्म होंगी। कृषि बिल सही मायनों में क्रांतिकारी पहल हैं।Congress is trying to mislead farmers by falsely claiming that through agricultural reform bills there is plan to end MSP system. However, PM Shri @narendramodi Ji has repeatedly said MSP will continue as before, across the country and no change will be made. #AatmaNirbharKrishi pic.twitter.com/CxzadIKLJb
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) October 5, 2020
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नकवी ने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक के पारित हो जाने से अब किसानों को अपने फसल के भंडारण और बिक्री की आजादी मिलेगी और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्ति मिलेगी। किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे किसानों को उनके उत्पाद की भरपूर कीमत मिल सकेगी। किसानों की पहुँच अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी, कृषि उपकरण एवं उन्नत खाद-बीज तक होगी। किसानों को 3 दिन में भुगतान की गारंटी मिलेगी। किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं, इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम मिलेंगे। देश भर में किसानों को उपज बेचने के लिए "वन नेशन वन मार्किट" की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा।
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नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश के गांव, गरीब, किसान के हितों को समर्पित हैं, और मोदी की सरकार में किसानों के किसी भी हक को कमजोर नहीं होने दिया जायेगा। मोदी सरकार में केवल "प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि" के तहत ही अब तक किसानों को 92,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। नकवी ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विरोधी दल देश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं कि कृषि सुधार विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात् एमएसपी की व्यवस्था खत्म करने की तैयारी है, जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बार-बार कह चुके हैं कि देशभर में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, कई फसलों की एमएसपी भी बढ़ा दी गई है। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रुपए बढ़ाकर 1975 रुपए; जौ का 75 रु बढ़ाकर 1600 रु; चने का 225 रु बढ़ाकर 5100 रु; मसूर का 300 रु बढ़ाकर 5100 रु; सरसों का 225 रु बढ़ाकर 4650 रु; कुसुम का 112 रु बढ़ाकर 5327 रु प्रति क्विंटल कर दिया गया है|
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नकवी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के सशक्तिकरण को प्रतिबद्ध है। 2009-10 में यूपीए के समय कृषि बजट 12 हजार करोड़ था जिसे बढ़ाकर मोदी सरकार ने एक लाख 34 हजार करोड़ रुपये किया। 22 करोड़ से ज्यादा किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं; पीएम फसल बीमा का लाभ 8 करोड़ किसानों को दिया गया है; मोदी सरकार द्वारा 10,000 नये फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइज़ेशन पर 6,850 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ की घोषणा की गई। किसानों के लोन के लिए पहले के 8 लाख करोड़ के बदले अब 15 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। “प्रधानमंत्री किसान मान-धन” के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन का प्रावधान किया गया है। MSP के भुगतान की बात करें तो मोदी सरकार ने 6 साल में 7 लाख करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किया है जो यूपीए सरकार से दोगुना है। नकवी ने कहा कि कांग्रेस एन्ड कंपनी का कहना है कि अनुबंधित कृषि समझौते में किसानों का पक्ष कमजोर होगा और वे कीमतों का निर्धारण नहीं कर पाएंगे जबकि सच यह है कि किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सकेगा। यदि किसान अनुबंध से संतुष्ट नहीं होंगे तो किसी भी समय अनुबंध खत्म कर सकते हैं। किसानों के हितों की सौ प्रतिशत गारंटी हैं कृषि सुधार विधेयक।
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