भारत में अल्पसंख्यक से बहुसंख्यक कभी नहीं बन सकते मुस्लिम: दिग्विजय सिंह
सिंह ने कहा, मैं भागवत से लेकर संघ के छोटे प्रचारकों तक को इस विषय पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं। मैं प्रमाणित कर दूंगा कि देश में मुसलमान बहुसंख्यक कभी नहीं हो सकते।
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सिंह ने कहा, मैं भागवत से लेकर संघ के छोटे प्रचारकों तक को इस विषय पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं। मैं प्रमाणित कर दूंगा कि देश में मुसलमान बहुसंख्यक कभी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, देश के मुसलमान समुदाय में जन्म दर घटती जा रही है और वैसे भी महंगाई के इस जमाने में आम शौहर के लिए एक बीवी और उससे जन्मे बच्चों को पालन-पोषण तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे में भला कौन मुसलमान चार बीवियां और उनसे जन्मे बच्चे पाल सकता है? सिंह ने संघ और भाजपा की कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, रावण के 10 मुख थे और उसके अलग-अलग मुखों से अलग-अलग बातें होती थीं, यही हालत संघ और भाजपा की है। एक तरफ, संघ के कार्यकर्ता जहर उगलते हैं। दूसरी तरफ, संघ प्रमुख भागवत कहते हैं कि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है।
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राज्यसभा सदस्य ने संघ प्रमुख से सवाल किया, अगर हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है, तो सांप्रदायिक नफरत क्यों फैलाई जाती है और लव जिहाद जैसे मुद्दों की क्या जरूरत है? सिंह ने संघ और भाजपा पर हमला बरकरार रखते हुए कहा कि ब्रितानी हुकूमत की फूट डालो और राज करो की नीति के तहत देश में झूठ एवं भ्रम फैलाकर हिंदुओं और मुसलमानों को बांटा जा रहा है। उन्होंने उत्तरप्रदेश के चूड़ी विक्रेता तसलीम अली को इंदौर में भीड़ में शामिल लोगों द्वारा पीटे जाने की बहुचर्चित घटना का हवाला देते हुए कहा, यह संघ की मानसिकता है जिसके तहत ये लोग कमजोर व्यक्ति पर हमला करते हैं और मजबूत आदमी पर हमला नहीं करते। सिंह ने कहा, उत्तरप्रदेश से चूड़़ी बेचने आए गरीब व्यक्ति (तसलीम अली) को पहले तो पीटा गया, फिर उसी को (एक नाबालिग बच्ची के लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत पर) आरोपी बना दिया गया। पुलिस को इस व्यक्ति पर पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने का ख्याल तीन दिन बाद आया।
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