Murli Manohar Joshi Birthday: आज 91वां जन्मदिन मना रहे हैं मुरली मनोहर जोशी, जानिए कैसा रहा राजनीतिक सफर

Murli Manohar Joshi
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आज यानी 05 जनवरी को मुरली मनोहर जोशी अपना 91वां जन्मदिन मना रहे हैं। डॉ. जोशी ने भारत में तीन मंत्रालयों मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विज्ञान एवं तकनीक और समुद्री विकास का जिम्मा संभाला है।

आज यानी 05 जनवरी को मुरली मनोहर जोशी अपना 91वां जन्मदिन मना रहे हैं। डॉ. जोशी ने भारत में तीन मंत्रालयों मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विज्ञान एवं तकनीक और समुद्री विकास का जिम्मा संभाला है। आधुनिक, मजबूत और विविधतापूर्ण भारत के काफी प्रशंसक हैं। जनसंघ नेता, जनता की राय को ठेस पहुंचाने और भड़काऊ भाषण देने व दंगे भड़काने के आरोप में मुरली मनोहर जोशी को कई बार गिरफ्तार किया गया। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर मुरली मनोहर जोशी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म

देश की राजधानी दिल्ली में 05 जनवरी 1934 को मुरली मनोहर जोशी का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम मन मोहन जोशी और मां का नाम चंद्रावती जोशी था। मुरली मनोहर जोशी का विवाह 13 दिसंबर 1966 को तारला जोशी से हुआ। इनकी दो बेटियां प्रियामावड़ा जोशी एंव नेविदता जोशी है।

राजनीतिक सफर

बता दें कि साल 1953-54 में गाय बचाओ आंदोलन के साथ मुरली मनोहर जोशी ने राजनीति में कदम रखा था। इस कुंभ किसान आंदोलन में भू-राजस्व मूल्य कम करने पर जोर दिया गया था। इसके अलावा साल 1975 में जब देश में आपातकाल लगा था, तो जोशी पर भी मुकदमा चला था। वह 7 बार मध्यप्रदेश से भी लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। वहीं साल 1977-2014 तक वह लगातार 7 सालों तक यूपी लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करते रहे। फिर वह कानपुर निवार्चन क्षेत्र से सांसद रहे। इसके अलावा जोशी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भौतिकी के प्रोफेसर भी रह चुके हैं।

साल 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी बनीं तो जोशी ने आगे आकर पूरा सहयोग किया और फिर उनको पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। साल 1966 में जब बीजेपी की 13 दिन की सरकार बनीं, इस दौरान जोशी ने देश के गृहमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। वह 13 दिनों के लिए गृहमंत्री बने थे और वह वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनीं तो उन्होंने मंत्रिमंडल में मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में काम किया।

मुरली मनोहर जोशी कानपुर, बनारस और इलाहाबाद जैसे शहरों में चुनाव में जीत दर्ज की। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में वह जीत नहीं सके थे, लेकिन साल 2014 के लोकसभी चुनाव में उन्होंने बनारस से चुनाव जीता। बाद में फिर उन्होंने यह सीट पीएम मोदी के लिए खाली की थी और खुद कानपुर से चुनाव लड़े थे। इस दौरान उन्होंने 2.23 लाख मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी।

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