मुकुल संगमा: पूर्वोत्तर में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे, 2021 में थामा टीएमसी का दामन

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अंकित सिंह । Apr 20 2022 8:56AM

मुकुल संगमा का राजनीतिक जीवन बेहद लंबा रहा है और आने वाले समय में भी उन्हें हम अहम पदों पर देख सकते हैं। मुकुल संगमा का जन्म 20 अप्रैल 1965 को हुआ था। उनके पिता का नाम बिनय भूषण और माता का नाम रोशन बेगम था।

पूर्वोत्तर के बहुत कम ही ऐसे नेता हैं जिनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होती है। हालांकि जिन नेताओं की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हुई है, उनके कद का अंदाजा भी लगाया जा सकता है। पूर्वोत्तर के एक ऐसे ही नेता हैं मुकुल संगमा। मुकुल संगमा अक्सर सुर्खियों में रहते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इनकी चर्चा भी होती हैं। मुकुल संगमा का राजनीतिक जीवन बेहद लंबा रहा है और आने वाले समय में भी उन्हें हम अहम पदों पर देख सकते हैं। मुकुल संगमा का जन्म 20 अप्रैल 1965 को हुआ था। उनके पिता का नाम बिनय भूषण और माता का नाम रोशन बेगम था। 1990 में उन्होंने इंफाल के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के रूप में जिक जैक पब्लिक हेल्थ सेंटर में काम करने लगे।

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हालांकि, मुकुल संगमा का झुकाव राजनीति की तरफ था। यही कारण रहा कि वे 1993 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अम्पतगिरि से मेघालय विधानसभा के लिए चुने गए। बाद में उन्हें मेघालय परिवहन निगम का अध्यक्ष बनाया गया। 1998, 2003 और 2008 में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से विधायक चुने गये। उन्होंने 1996 और 1998 के बीच मेघालय सरकार के संसदीय सचिव के रूप में पद संभाला। संगमा ने 2013 और 2018 में भी मेघालय विधानसभा का चुनाव जीता है। काफी लंबे समय तक वह कांग्रेस में रहे। 2003 में वह डीडी लपांग की सरकार में शिक्षा एवं गृह मंत्री बने। 11 अप्रैल 2005 को उन्हें राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाया गया। 2009 में वे दोबारा राज्य के उप मुख्यमंत्री बने। 

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डीडी लपांग के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद 20 अप्रैल 2010 को वह राज्य के मुख्यमंत्री बने। संगमा के जीवन में बड़ा मौका तब आया जब डीडी लपांग ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने मुकुल संगमा को राज्य का नेतृत्व सौंपा। मुकुल संगमा 20 अप्रैल 2010 को मेघालय के मुख्यमंत्री बने। वे राज्य के 11 वे मुख्यमंत्री बने। इसके बाद उन्होंने 2013 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। हालांकि 2018 का चुनाव कांग्रेस हार गई। लेकिन मुकुल संगमा 2 सीटों से चुनाव लड़ रहे थे और दोनों पर उन्हें जीत हासिल की। 2015 में मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान सलमान ने मेघालय में स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की थी जिससे गरीबों को काफी फायदा हुआ। कांग्रेस में टकराव के बीच मुकुल संगमा ने 2021 में पार्टी के अन्य 11 विधायकों के साथ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। फिलहाल मुकुल संगमा राज्य में नेता प्रतिपक्ष था। 

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