पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष नियुक्त हो सकते हैं मुकुल रॉय
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय उन 14 विधायकों में से एक हैं जिन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी)की सदस्यता के लिए बुधवार को नामांकन दाखिल किये।
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय उन 14 विधायकों में से एक हैं जिन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी)की सदस्यता के लिए बुधवार को नामांकन दाखिल किये। ऐसी अटकलें हैं कि रॉय को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। रॉय आधिकारिक तौर पर कृष्णानगर उत्तर से भाजपा के विधायक हैं। वह पिछले हफ्ते टीएमसी में शामिल हो गए थे लेकिन उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है या उन्हें दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित नहीं किया गया है।
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टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘आज, लोक लेखा समिति की सदस्यता के लिए टीएमसी की ओर से 14 नाम प्रस्तुत किए गए। मुकुल रॉय का नाम उस सूची में है।’’ भाजपा ने भी पीएसी सदस्यता के लिए छह नामों की सूची सौंपी है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि रॉय के नामांकन का कोई मायने नहीं है क्योंकि दलबदल विरोधी कानून के तहत सदन की उनकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि भाजपा विधायक दल इस बात को लेकर आशंकित है कि पीएसी अध्यक्ष का पद, जिसका चयन विधानसभाध्यक्ष का विशेषाधिकार है, रॉय के पास जा सकता है क्योंकि ऐसे कई उदाहरण हैं जब टीएमसी में जाने वाले कांग्रेस विधायकों को महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया।
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प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘‘नियम के अनुसार, पीएसी अध्यक्ष का पद विपक्षी दल को जाता है। लेकिन पिछली विधानसभा में हमने देखा कि कैसे मानस भुइयां और शंकर सिंह ने टीएमसी में जाने और कांग्रेस विधायकों के रूप में इस्तीफा नहीं देने के बावजूद पद संभाला।’’ इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के वरिष्ठ विधायक तापस रे ने कहा कि पीएसी अध्यक्ष का चयन करना विधानसभाध्यक्ष का विशेषाधिकार है।
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