मप्र : बोल, सुन और देख नहीं पाने वाली 32 साल की महिला ने जिंदगी में पहली बार डाला वोट

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अधिकारियों ने बताया कि गुरदीप की विशेष स्थिति को देखते हुए उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल के नियमों के मुताबिक परीक्षा के दौरान सांकेतिक का जानकार सहायक लेखक मुहैया कराया गया था।

 मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इंदौर के शहरी क्षेत्र में मतदान के पात्र कुल 15.55 लाख लोगों में गुरदीप कौर वासु सबसे अलग हैं। बत्तीस साल की गुरदीप बोल, सुन और देख नहीं सकतीं और उन्होंने शुक्रवार को अपने जीवन में पहली बार मतदान करके लोकतंत्र का उत्सव कहे जाने वाले चुनाव में भागीदारी की नजीर पेश की।

गुरदीप की छोटी बहन हरप्रीत कौर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘मेरी बहन ने अपनी जिंदगी में पहली बार मतदान किया। वोट देने के लिए वह पिछले कई दिन से उत्साहित थी।’’

हरप्रीत ने बताया कि प्रशासन की मंजूरी के आधार पर उन्होंने मतदान केंद्र में अपनी बहन की वोट डालने में मदद की।उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने मतदाता सूची में गुरदीप का नाम इस साल ही दर्ज कराया था।

गुरदीप इस साल मई में तब भी चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की आयोजित 10 वीं की परीक्षा स्वाध्यायी विद्यार्थी के रूप में उत्तीर्ण की थी। अधिकारियों के मुताबिक यह मंडल के इतिहास का पहला मामला है, जब बोल, सुन और देख नहीं पाने वाले किसी उम्मीदवार ने हाईस्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की।

अधिकारियों ने बताया कि गुरदीप की विशेष स्थिति को देखते हुए उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल के नियमों के मुताबिक परीक्षा के दौरान सांकेतिक का जानकार सहायक लेखक मुहैया कराया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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