PM मोदी बोले- कृषि और ग्राम जीवन परिवर्तन का एक बहुत बड़ा साधन बन सकता है बजट
मोदी ने कहा कि भारत का कॉपरेटिव सेक्टर काफी वाइब्रेंट है। चाहे वो चीनी मिलें हों, खाद कारखाने हों, डेयरी हो, ऋण की व्यवस्था हो, अनाज की खरीद हो, कॉपरेटिव सेक्टर की भागीदारी बहुत बड़ी है। हमारी सरकार ने इससे जुड़ा नया मंत्रालय भी बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कृषि क्षेत्र में बजट के प्रावधानों को लेकर चर्चा की। अपनी चर्चा में प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुखद संयोग है कि 3 साल पहले आज ही के दिन पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत की गई थी। ये योजना आज देश के छोटे किसानों का बहुत बड़ा संबल बनी है। उन्होंने कहा कि इसके तहत देश के 11 करोड़ किसानों को लगभग पौने 2 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इस योजना में भी हम स्मार्टनेस का अनुभव कर सकते हैं। सिर्फ एक क्लिक पर 10-12 करोड़ किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर होना अपने आप मे हर भारतीय के लिए गर्व करने वाली बात है। मुझे विश्वास है कि अगर हम हमारे किसानों को, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज को, हमारे एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स को, एक प्लेटफार्म पर लाकर आगे बढ़ेंगे, तो बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं रहेगा। बजट जीवन परिवर्तन, कृषि परिवर्तन और ग्राम जीवन परिवर्तन का एक बहुत बड़ा साधन बन सकता है।
इसके साथ ही मोदी ने कहा कि बीते 7 सालों में हमने बीज से बाज़ार तक ऐसी ही अनेक नई व्यवस्थाएं तैयार की हैं, पुरानी व्यवस्थाओं में सुधार किया है। सिर्फ 6 सालों में कृषि बजट कई गुणा बढ़ा है। किसानों के लिए कृषि लोन में भी 7 सालों में ढाई गुणा की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन देने के कारण, आज ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का बाजार भी अब 11 हजार करोड़ का हो चुका है। इसका एक्सपोर्ट भी 6 वर्षों में 2 हजार करोड़ से बढ़कर 7 हजार करोड़ हो रहा है। इसके साध ही प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए मुख्य रूप से 7 रास्ते सुझाए गए हैं। मोदी ने कहा कि पराली का प्रबंधन किया जाना जरूरी है। इसके लिए इस बजट में कुछ नए उपाय किए गए हैं जिससे कार्बन एमीशन भी कम होगा और किसानों की आय भी होगी।Agriculture budget has increased multifold in only 6yrs. For farmers, there has been a 2.5 times rise in agricultural loans in 7yrs. A special drive connected 3cr small farmers with KCC facilities during COVID: PM Modi, in a webinar on budget announcements in agriculture sector pic.twitter.com/OJrOkt6Qex
— ANI (@ANI) February 24, 2022
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पहला- गंगा के दोनों किनारों पर 5 कि.मी. के दायरे में नेचुरल फार्मिंग को मिशन मोड पर कराने का लक्ष्य है। दूसरा- एग्रीकल्चर और हॉर्टीकल्चर में आधुनिक टेक्नॉलॉजी किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। तीसरा- खाद्य तेल के इंपोर्ट को कम करने के लिए मिशन ऑयल पाम को सशक्त करने पर बल दिया गया है। चौथा - खेती से जुड़े उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए पीएम गति-शक्ति प्लान द्वारा लॉजिस्टिक्स की नई व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी। बजट में पांचवां समाधान दिया गया है कि एग्री-वेस्ट मेनेजमेंट को अधिक organize किया जाएगा, वेस्ट टू एनर्जी के उपायों से किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। छठा सॉल्यूशन है कि देश के डेढ़ लाख से भी ज्यादा पोस्ट ऑफिस में रेगुलर बैंकों जैसी सुविधाएं मिलेंगी, ताकि किसानों को परेशानी ना हो। सातवां ये कि एग्री रिसर्च और एजुकेशन से जुड़े सिलेबस में skill development, human resource development में आज के आधुनिक समय के अनुसार बदलाव किया जाएगा।
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मोदी ने कहा कि भारत का कॉपरेटिव सेक्टर काफी वाइब्रेंट है। चाहे वो चीनी मिलें हों, खाद कारखाने हों, डेयरी हो, ऋण की व्यवस्था हो, अनाज की खरीद हो, कॉपरेटिव सेक्टर की भागीदारी बहुत बड़ी है। हमारी सरकार ने इससे जुड़ा नया मंत्रालय भी बनाया है। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर क्षेत्र में इन्नोवेशन और पैकेजिंग दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिन पर और ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है। फलों की पैकेजिंग में हमारे कॉर्पोरेट हाउस और एग्री स्टार्टअप्स को बड़ी संख्या में आगे आना चाहिए। वो इसमें किसानों की मदद करें और इस दिशा में अपनी योजनाएं बनाएं। मोदी ने कहा कि आपने देखा है कि हमारी सरकार का बहुत ज्यादा जोर सॉइल हेल्थ कार्ड पर रहा है। देश के करोड़ों किसानों को सरकार ने सॉइल हेल्थ कार्ड दिए हैं।
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