Haffkine संस्थान के पास 1400 करोड़ रुपये, इस्तेमाल नहीं हो रहा : मंत्री

Haffkine
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पाटिल के अनुसार इस राशि का इस्तेमाल राज्य के सरकारी अस्पतालों के लिए दवाओं की खरीद की खातिर किया जाना था। पाटिल विधान परिषद में महाराष्ट्र मेडिकल उत्पाद खरीद प्राधिकरण विधेयक, 2023 पर हुई चर्चा के दौरान बोल रहे थे।

महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को कहा कि मुंबई के हाफकिन संस्थान के पास 1,400 करोड़ रुपये हैं जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। पाटिल के अनुसार इस राशि का इस्तेमाल राज्य के सरकारी अस्पतालों के लिए दवाओं की खरीद की खातिर किया जाना था। पाटिल विधान परिषद में महाराष्ट्र मेडिकल उत्पाद खरीद प्राधिकरण विधेयक, 2023 पर हुई चर्चा के दौरान बोल रहे थे।

विधेयक के कानून बनने पर एक प्राधिकरण के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा जो राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की खरीद और वितरण की हाफकिन की वर्तमान अतिरिक्त जिम्मेदारी को संभालेगा। प्राधिकरण के गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए पाटिल ने कहा कि अभी हाफकिन के पास 1,400 करोड़ रुपये हैं जिनका सभी अस्पतालों में जरूरत के बावजूद उपयोग नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की बाधाओं को दूर करने और सरकारी अस्पतालों में दवाओं एवं चिकित्सा सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक प्राधिकरण का गठन करना चाहती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य शशिकांत शिंदे और शिवसेना (उद्धव) के नेता सचिन अहीर ने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए आशंका जताई कि प्राधिकरण निर्धन लोगों की जरूरतों को पूरा करने में नाकाम रह सकता है और निहित स्वार्थों की पूर्ति हो सकती है।

हाफकिन संस्थान की वेबसाइट के मुताबिक यह देश के सबसे पुराने बायोमेडिकल अनुसंधान संस्थानों में से एक है और इसकी स्थापना 1899 में की गई थी। इसका नाम वैज्ञानिक डब्ल्यू एम हाफकिन के नाम पर रखा गया है जिन्होंने प्लेग के टीके का आविष्कार किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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