हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी से उतरें कार्यकर्ता: मायावती
बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के वर्तमान हालात का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि बात-बात पर एनएसए जैसी गंभीर धाराओं में लोगों की गिरफ्तारी व परिवारों का उत्पीड़न दमन का नया सरकारी तरीका बन गया है ताकि अपराध-नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था के मामले में अपनी विफलताओं पर पर्दा डाला जा सके, यह घोर अनुचित है।
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उन्होंने कहा कि खासकर जम्मू-कश्मीर के मामले में सरकार का दावा है कि वहां के हालात पहले से काफी बेहतर व काफी सामान्य हो गए हैं। बसपा प्रमुख ने कहा कि अब तो केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन की तैयारी कर रही है। बयान में मायावती के हवाले से कहा गया, ‘‘इसलिए, इसके प्रमाण के रूप में जरूरी है कि वहां विधानसभा का चुनाव कराकर लोकतंत्र की यथाशीघ्र बहाली की जाए। इससे लोगों में नया विश्वास आएगा तथा सरकार के दावों को बल मिलेगा।’’ बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के वर्तमान हालात का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि बात-बात पर एनएसए जैसी गंभीर धाराओं में लोगों की गिरफ्तारी व परिवारों का उत्पीड़न दमन का नया सरकारी तरीका बन गया है ताकि अपराध-नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था के मामले में अपनी विफलताओं पर पर्दा डाला जा सके, यह घोर अनुचित है। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, मामूली बात पर व गैर-जरूरी होने के बावजूद भी लोगों की गिरफ्तारी कर लिए जाने आदि की गलत सरकारी नीतियों से पूरे प्रदेश में भय व आतंक का माहौल है, जबकि सत्ताधारी पार्टी से अपने आपको जोड़ने वाले आपराधिक तत्व बेखौफ घूम रहे हैं। ऐसे में अपराध नियंत्रण व कानून का राज कैसे संभव है? कानून का खौफ सभी अपराधियों में होना चाहिए।’’
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मायावती ने कहा कि इसके अलावा, अंधाधुंध गिरफ्तारी तथा लगभग असंभव होती जा रही जमानत का यह रोग इतने गंभीर व चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है कि देश के प्रधान न्यायाधीश स्वयं इसे लेकर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित देश की सभी सरकारें जितनी जल्दी अपनी कार्य प्रणाली में जरूरी सुधार ले आएं, यह देश व जनहित के लिए उतना ही बेहतर होगा। पंजाब में आम आदमी पार्टी की नयी सरकार के दिल्ली से संचालित होने के आरोपों को लेकर मायावती ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को बसपा संस्थापक कांशीराम के सपनों को साकार करने के लिए उनकी जन्मस्थली में भी कोई कसर नहीं छोड़नी है।
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