फर्जी तरीके से वीजा बनवाकर जम्मू से कई लोग दक्षिण कोरिया गए : जांच रिपोर्ट

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अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि जम्मू जिले के रणबीर सिंह पोरा तहसील के सुचेतगढ़ से कई लोग पिछले कुछ वर्षों में इसी तरह (विभिन्न गिरोहों की मदद से) से दक्षिण कोरिया गए थे।

जम्मू क्षेत्र से पिछले कुछ वर्ष में कई लोग फर्जी दस्तावेजों या फिर अन्य संदिग्ध तरीकों से वीजा प्राप्त कर रोजगार के लिए दक्षिण कोरिया भाग निकले। मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही जांच में यह जानकारी सामने आई।

मुं‍बई पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले सप्ताह एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह दक्षिण कोरिया में काम की तलाश कर रहे लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा दिलवाने का काम करता था।

जांच में शामिल एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि यह गिरोह पिछले एक साल में कम से कम आठ लोगों को दक्षिण कोरिया भेजने में कामयाब रहा, हालांकि उनमें से दो को वापस भारत भेज दिया गया।

मुंबई अपराध शाखा ने इस मामले में अब तक नौसेना के दो अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन डागर और सब लेफ्टिनेंट ब्रह्म ज्योति के साथ सिमरन तेजी, रवि कुमार और दीपक डोगरा को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पिछले साल मई से सक्रिय था।

अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि जम्मू जिले के रणबीर सिंह पोरा तहसील के सुचेतगढ़ से कई लोग पिछले कुछ वर्षों में इसी तरह (विभिन्न गिरोहों की मदद से) से दक्षिण कोरिया गए थे।

उन्होंने बताया कि पर्यटक वीजा पर यात्रा करने के बाद वे दक्षिण कोरिया में कारखानों और निर्माण स्थलों पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कोरिया में मजदूरी भारत की तुलना में बहुत अधिक है, इसलिए अवैध श्रमिकों के लिए कोरियाई देश एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। पुलिस ने दो दिन पहले दावा किया था कि गिरोह का सरगना ब्रह्म ज्योति था, जिसे पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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