जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा की सूची में पंजाबी को भी शामिल करने की उठी मांग
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए और पंजाबी को जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में शामिल करना चाहिए।
नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने मंगलवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि केंद्रशासित प्रदेश की आधिकारिक की सूची में पंजाबी को भी शामिल किया जाए। बादल ने सदन में शून्यकाल के दौरान आधिकारिक से संबंधित एक विधेयक का मुद्दा उठाया और कहा कि पंजाबी जम्मू-कश्मीर में बहुत लंबे समय से बोली जाती रही है, लेकिन अब इसे आधिकारिक की सूची से अलग रखा गया है। मेरी मांग है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे।
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अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए और पंजाबी को जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में शामिल करना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने सांसदों के वेतन में कटौती और सांसद निधि के निलंबन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सांसदों के वेतन में 100 फीसदी कटौती की जाए तो कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सांसद निधि को निलंबित करने से जन प्रतिनिधियों को क्षेत्र में कामकाज में दिक्कत होगी। भाजपा के गणेश सिंह और रवींद्र कुशवाहा, कांग्रेस के अदूर प्रकाश और मोहम्मद जावेद ने भी अपने-अपने क्षेत्रों के मुद्दे उठाए।
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