Manipur Violence: Amit Shah के दौरे से पहले सेनाध्यक्ष ने लिया हालात का जायजा, सख्त एक्शन में 40 उग्रवादी ढेर, गांवों में चला सर्च ऑपरेशन

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आज से शुरू होने वाले मणिपुर दौरे से पहले राज्य में फिर से हिंसा भड़कने की खबरों के बीच सुरक्षा बलों ने 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मणिपुर की स्थिति को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस ने अपने नेताओं का एक जांच दल मणिपुर के हालात की जानकारी लेने के लिए भेजा था जिसके बाद कांग्रेस अब राष्ट्रपति से मिलेगी। उधर, अमित शाह मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष का समाधान तलाशने के लिए हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का राज्य में तीन दिन ठहरने का कार्यक्रम है और वह जातीय संकट को खत्म करने की दिशा में काम करेंगे तथा सभी लोगों को न्याय सुनिश्चित करेंगे। अमित शाह विभिन्न स्थानों पर लोगों से बात करेंगे और उनके विचार सुनेंगे।’’ पिछले सप्ताह अमित शाह ने मणिपुर में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए वादा भी किया था कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री का बयान

इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में लोगों पर गोलीबारी और उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में रविवार को दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के फयेंग में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि सुगनू में हुई गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। सुगनू में छह और सेरौ में चार अन्य लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया।

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हालिया दौर की ‘‘झड़प समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई है।’’ मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफल से लोगों पर गोलीबारी करने के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों को निशाना बनाया। मुख्यमंत्री ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा नहीं डालने की अपील की और उनसे ‘‘सरकार में विश्वास रखने और सुरक्षा बलों का समर्थन करने’’ का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने इतने लंबे समय तक कठिनाइयों का अनुभव किया है और हम राज्य को कभी भी बिखरने नहीं देंगे।’’

उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की हत्याओं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा घरों में आगजनी में शामिल कई कुकी उग्रवादियों को जाट रेजीमेंट ने पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ‘‘दोनों पक्षों में लोगों के हताहत होने से काफी दुखी है’’ और उन्होंने‘‘स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव कदम उठाने’’ का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के इलाकों में आम लोगों के घरों पर हिंसक हमलों की घटनाओं में तेजी सुनियोजित लगती है। मुख्यमंत्री ने इसे ‘‘अत्यंत निंदनीय’’ बताया विशेष रूप से तब जब केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय मणिपुर में हैं और अमन-चैन के लिए शांति मिशन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है और राज्य पुलिस वहां अभियान चला रही है।

इस बीच, एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पश्चिम इंफाल के उरीपोक में भाजपा के विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के आवास में तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई। उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी जातीय उग्रवादी समूहों के साथ-साथ उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच कई स्थानों पर तड़के झड़प हुई। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी जानकारी के मुताबिक, काकचिंग में सुगनू, चूड़ाचांदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई से गोलीबारी की सूचना मिली है।’’ अधिकारी ने कहा कि काकचिंग थाने से मैतेई समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि काकचिंग जिले के नपाट, सेरौ और पास के सुगनू में उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के लगभग 80 घरों में आगजनी की, जिसके कारण ग्रामीणों को आधी रात को भागना पड़ा।

यह भी खबर है कि मणिपुर घाटी के पूर्वी हिस्से में, इंफाल पूर्वी जिले के याईंगंगपोकपी में हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला किया और दो घरों में आग लगा दी और ग्रामीणों पर गोलीबारी की। इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई में, सशस्त्र उग्रवादियों ने हमला किया, जिसके कारण दोनों ओर से गोलीबारी हुई। बिष्णुपुर जिले में, सशस्त्र कुकी उग्रवादियों ने शनिवार रात फौगकचाओ इखाई, तोरबंग और कांगवई क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें मैतेई समुदाय के तीस से अधिक घर आग के हवाले कर दिए। इसके अलावा, पिछले कुछ घंटों में हुई हिंसा के कारण जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाकर केवल साढ़े छह घंटे का कर दिया। मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई। हम आपको बता दें कि आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से तनाव गहराया हुआ था। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। मणिपुर में हालात बिगड़ने के बाद शांति कायम करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं।

सेनाध्यक्ष का मणिपुर दौरा

हम आपको यह भी बता दें कि थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भी पिछले सप्ताह मणिपुर का दो दिवसीय दौरा कर हालात की समीक्षा की थी। सेना की पूर्वी कमान के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ’ लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता के साथ सेनाध्यक्ष ने मणिपुर में जारी जातीय झड़पों की पृष्ठभूमि में जमीनी स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और सुरक्षा सलाहकार से भी मुलाकात की। जनरल पांडे ने स्थिति की जानकारी लेने के लिए विभिन्न इलाकों का दौरा किया और सैनिकों से भी बात की। यात्रा पूरी होने के बाद जनरल पांडे दिल्ली लौट गये लेकिन गृह मंत्री की यात्रा को देखते हुए लेफ्टिनेंट जनरल कलिता मणिपुर में ही रुके हैं।

गांवों में चला अभियान

हम आपको यह भी बता दें कि सेनाध्यक्ष के दौरे से पहले सेना ने मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 40 किलोमीटर दूर घने जंगल से घिरे न्यू किठेलमंबी गांव की धीरे-धीरे घेराबंदी शुरू की और लोगों के घरों पर छापे मारकर हथियार बरामद किए। सेना और असम राइफल्स के जवान इंफाल घाटी के किनारे कांगपोकपी जिले में स्थित गांव में घुसे और हथियारों की तलाश की। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिन में हमने देखा कि समुदाय आग्नेयास्त्रों से एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। कुछ मामलों में लोगों की हत्या की जा रही है...अचानक से हथियारों के आने से पूरी शांति प्रक्रिया में देरी हो रही है।’’ न्यू किठेलमंबी गांव में अचानक की गई छापेमारी के दौरान वहां से भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ एअर गन और कारतूस के खाली पैकेट भी मिले। दरअसल, राज्य में जातीय हिंसा के कारण कई हिस्सों में सशस्त्र समूह कानून अपने हाथ में ले रहे हैं जिससे शांति प्रक्रिया जटिल हो गयी है। उग्रवादी समूह भी इसमें शामिल हो गए हैं जिससे जातीय तनाव और भी बढ़ गया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि वे अब राज्य में शांति बहाली के लिए खतरा पहुंचा रहे तत्वों को रोकने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास खबरें थीं कि गांव में लोगों के पास आग्नेयास्त्र और विस्फोटक हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य राजमार्ग की रक्षा करना है ताकि वहां कोई अप्रिय घटना न हो क्योंकि करीब 250 ट्रक हर दिन इस सड़क का इस्तेमाल कर रहे हैं और आवश्यक सामान लेकर यहां से गुजरते हैं।’’ सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘इसलिए हमने अचानक तलाश अभियान चलाया और विस्फोटक तथा एक एअर गन बरामद की। हालांकि, एअर गन गांव के बुजुर्गों को लौटा दी गई क्योंकि इसे बिना लाइसेंस के रखा जा सकता है।’’ बहरहाल, अब देखना होगा कि गृहमंत्री के दौरे के बाद राज्य में कितनी जल्दी शांति स्थापित हो पाती है।

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