मध्य प्रदेश में आगामी तीन माह के लिए मंड़ी शुल्क 1.50 पैसे की जगह मात्र 50 पैसे लगेगा
व्यापारियों द्वारा मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया गया था कि इससे मंडियों की आय में कमी नहीं होगी। 3 महीने बाद इस छूट के परिणामों का अध्ययन कर आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों से लिए जाने वाले मंडी शुल्क की राशि अब 1.50 रु. के स्थान पर 50 पैसे प्रति 100 रु. होगी। यह छूट 14 नवंबर 2020 से आगामी 3 माह के लिए रहेगी। मध्य प्रदेश सरकार ने गत दिनों व्यापारियों से इस संबंध में किए गए वादे को पूरा कर दिया है। व्यापारियों द्वारा मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया गया था कि इससे मंडियों की आय में कमी नहीं होगी। 3 महीने बाद इस छूट के परिणामों का अध्ययन कर आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा।
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मुख्यमंत्री चौहान आज इस संबंध में विभाग की उच्च स्तरीय बैठक ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, प्रमुख सचिव मनोज गोविल तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। वर्ष 2019-20 में प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों को मंडी फीस एवं अन्य स्रोतों से कुल 12 सौ करोड रुपए की आय हुई थी। मंडी बोर्ड में लगभग 4200 तथा मंडी समिति सेवा में लगभग 29 सौ अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं तथा लगभग 2970 सेवानिवृत्त अधिकारी- कर्मचारी हैं।
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इनके वेतन भत्तों पर गत वर्ष 677 करोड रुपए का व्यय हुआ था। व्यापारियों के आश्वासन पर मंडी शुल्क में छूट दी गई है। छूट की अवधि में यदि मंडियों को प्राप्त आय से मंडियों के संचालन, उनके रखरखाव एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों की व्यवस्था सुनिश्चित करने में कठिनाई नहीं होती है, तो राज्य शासन द्वारा इस छूट को आगे भी जारी रखा जा सकता है।
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