ममता बनर्जी का केंद्रीय विश्वविद्यालय पर आरोप, कहा- मौजूदा कर्ता-धर्ता ‘‘अनिवार्य भूमिका’’ नहीं निभा रहे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार ने कहा कि विश्व भारती के प्रशासन ने विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में उन्हें आमंत्रित नहीं किया। बनर्जी ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को आगे ले जाने में केंद्रीय विश्वविद्यालय के मौजूदा कर्ता-धर्ता ‘‘अनिवार्य भूमिका’’ नहीं निभा रहे हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार ने कहा कि विश्व भारती के प्रशासन ने विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में उन्हें आमंत्रित नहीं किया। बनर्जी ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को आगे ले जाने में केंद्रीय विश्वविद्यालय के मौजूदा कर्ता-धर्ता ‘‘अनिवार्य भूमिका’’ नहीं निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मुझे याद नहीं आता कि मुझे कार्यक्रम के लिए कोई न्योता मिला हो। हालांकि, मैंने ट्विटर पर पोस्ट किया कि विश्वभारती स्थापना के 100 साल पूरे होने पर गर्व की अनुभूति करा रहा है।’’
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बनर्जी ने कहा, ‘‘ कल उन्होंने (विश्वभारती के अधिकारियों ने) मुझे संदेश भेजकर 28 और 29 दिसंबर को मेरे बोलपुर दौरे के दौरान कुछ समय देने का अनुरोध किया। मैंने उनसे कहा कि डेढ़ दिन के दौरे में मेरे पांच से छह कार्यक्रम हैं। लेकिन नहीं, उन्होंने आज के शताब्दी समारोह के लिए मुझे आमंत्रित नहीं किया था।’’ नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की शांतिनिकेतन स्थित संपत्ति को लेकर उत्पन्न विवाद के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सेन को भाजपा विरोधी रुख रखने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक विश्वविद्यालय ने दावा किया है कि सेन ने गैर कानूनी तरीके से शांतिनिकेतन की उस जमीन पर कब्जा किया है जिस पर उनका घर ‘प्रतिची’ बना हुआ है। बनर्जी ने कहा, ‘‘अमर्त्य दा के प्रति मेरे मन में अगाध सम्मान है। क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि अमर्त्य सेन जमीन पर कब्जा कर सकते हैं? मैं बंगाल की तरफ से अमर्त्य दा से माफी मांगती हूं।’’
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ कई बार आपत्तिजनक का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (भाजपा) सोचते हैं कि सेन जैसी बंगाल की महान हस्तियों का अपमान कर सकते हैं जैसा कि मेरा अपमान करते हैं, तो वे गलत हैं। राज्य के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे।’’ बनर्जी ने कहा कि वह सेन के अपमान के खिलाफ29दिसंबर को बोलपुर रैली में विरोध व्यक्त करेंगी। उन्होंने राज्य के बुद्धिजीवियों से भी ऐसा ही करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं जानना चाहती हूं कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ विरासत पौष मेले का आयोजन क्यों नहीं किया गया? इसके पीछे कौन है?’’ बनर्जी ने कहा कि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, वे कभी भी इस 100 साल पुरानी संस्था की गौरवमयी परपंरा को ‘अस्थिर’ नहीं कर सकेंगे। भाजपा पर ‘इतिहास बदलने’ का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पार्टी के एक नेता ने कहा कि रवींद्र नाथ टैगोर का जन्म शांतिनिकेतन में हुआ था, उनको कोई जानकारी नहीं है कि टैगोर का जन्म कोलकाता के जोरासंको में हुआ था और कई साल बाद उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना की थी। भाजपा इतिहास और भूगोल बदल रही है।
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