ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय हितों के ऊपर राजनीति को प्राथमिकता दी :नड्डा
अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए)पर तृणमूल कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है। राष्ट्रहित के बजाए सिर्फ (अपने) वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए परेशान हैं। उन्हें उन शरणार्थियों के दर्द और परेशानी की चिंता नहीं है जो अपनी जिंदगी और सम्मान बचाने के लिये इस देश में आ रहे हैं।
कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए)पर तृणमूल कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमेशा ही राष्ट्रीय हितों के ऊपर राजनीति को प्राथमिकता दी है। नड्डा नए नागरिकता कानून पर मोदी सरकार को ‘‘धन्यवाद’’ देने के लिये यहां आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने हालांकि राष्ट्रव्यापी एनआरसी के मुद्दे से किनारा किया जबकि कुछ दिनों पहले वह इसकी वकालत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह संशोधित कानून नागरिकता प्रदान करता है, यह इसे छीनता नहीं है जैसा कि लोगों के एक समूह ने दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी ने हमेशा ही राष्ट्रीय हितों के ऊपर अपनी राजनीति को प्राथमिकता दी है। तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संशोधित कानून पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘वे राष्ट्रहित के बजाए सिर्फ (अपने) वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए परेशान हैं। उन्हें उन शरणार्थियों के दर्द और परेशानी की चिंता नहीं है जो अपनी जिंदगी और सम्मान बचाने के लिये इस देश में आ रहे हैं।’’ नड्डा ने राज्य में नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा पर “कार्रवाई न करने” के लिये बनर्जी पर निशाना साधा। संशोधित कानून के समर्थन में पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित भगवा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ नड्डा ने इससे पहले दिन में एक मार्च निकाला।
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भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा किया, ‘‘हमारे देश में मुस्लिम फूले-फले हैं, लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं को प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।’’ विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने 2003 में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी से अपील की थी कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को देश में शरण लेने की इजाजत दी जाए। “लेकिन अब जब सरकार ने यही चीज करने के लिये एक कानून पारित कर दिया तो वे इसका विरोध कर रहे हैं।” संशोधित कानून के मुताबिक पाकिस्तान उन देशों में शामिल है, जहां से आए गैर मुस्लिमों को मानक पूरे करने पर भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।
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