ममता ने शहीदों को किया याद, लोगों से लोकतंत्र बचाने का किया आह्वान
उन्होंने कहा कि इस साल की रैली लोकतंत्र को ‘‘बचाने’’ के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बजाय मत पत्रों को वापस लाने पर केंद्रित होगी।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राज्य में वाम दल के 34 वर्षों के शासन के दौरान सभी ‘‘शहीदों’’ को श्रद्धांजलि दी और लोगों से देश में लोकतंत्र बहाल करने के लिए लड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी याद किया जो आज के दिन 1993 में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए थे। बनर्जी उस समय युवा कांग्रेस की नेता थीं जब पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा सत्ता में था।
The main demand of the protest on #21stJuly 1993 was ‘No ID Card, No Vote’. This year, we have given a call for ‘Restore Democracy. No Machines, Bring Ballots Back’. Let us pledge to fight for the restoration of democracy in our great nation #21JulyShahidDibas 2/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 21, 2019
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में हर साल 21 जुलाई को शहर में शहीद दिवस रैली निकालती है। बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘आज ऐतिहासिक 21 जुलाई शहीद दिवस है। आज के दिन 26 साल पहले पुलिस की गोलीबारी में 13 युवा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई थी। तब से हम इस दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं। सभी शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि जो वाम दल के 34 साल के शासन के दौरान मारे गए।’’ उन्होंने कहा कि इस साल की रैली लोकतंत्र को ‘‘बचाने’’ के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बजाय मत पत्रों को वापस लाने पर केंद्रित होगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘21 जुलाई 1993 को प्रदर्शन की मुख्य मांग थी ‘कोई आईडी कार्ड नहीं, कोई वोट नहीं’। इस साल हमने लोकतंत्र को बहाल करने का आह्वान किया। कोई मशीन नहीं, मत पत्रों को वापस लाओ। हमारे महान देश में लोकतंत्र को बहाल रखने के लिए लड़ने का संकल्प लीजिए।’’ टीएमसी सुप्रीमो रविवार को अपने संबोधन के दौरान राज्य में 2021 विधानसभा चुनावों पर भी बोल सकती हैं। लोकसभा चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में यह रैली आयोजित की गई। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 42 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी।
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