मालदीव ने CAB को माना भारत का आंतरिक मामला, कहा- देश के लोकतंत्र में पूरा यकीन
संशोधित नागरिकता अधिनियम पर मालदीव के रुख के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में नशीद ने कहा कि यह भारत का आतंरिक विषय है। उन्होंने कहा कि मुझे भारत के लोकतंत्र में पूरा यकीन है और प्रक्रियाओं से जो कुछ नतीजा आएगा वह भारत के बहुसंख्यक लोगों की इच्छा होगी...यह भारत का आंतरिक विषय है।
नयी दिल्ली। मालदीव की संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने शुक्रवार को यहां कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम भारत का एक आंतरिक मामला है। उन्होंने यह भी कहा कि यह देश प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए सदा से एक सुरक्षित पनाहगाह रहा है। यहां की यात्रा पर आए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद एक संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने अपने द्वीपीय देश के समक्ष पेश तीन प्रमुख विषय उठाये, जिनमें इस्लामी देश, चीन का रिण जाल और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं।
#WATCH Speaker of Maldives Parliament M Nasheed on Zakir Naik:We allowed him in 2009 as there were no issues with him then, that we knew of.Recently,govt refused entry to him.We've no issue with people who preach good Islam but if you want to preach hate, we can't allow that. pic.twitter.com/qote3qzfoF
— ANI (@ANI) December 14, 2019
संशोधित नागरिकता अधिनियम पर मालदीव के रुख के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में नशीद ने कहा कि यह भारत का आतंरिक विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भारत के लोकतंत्र में पूरा यकीन है और प्रक्रियाओं से जो कुछ नतीजा आएगा वह भारत के बहुसंख्यक लोगों की इच्छा होगी...यह भारत का आंतरिक विषय है। भारत प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है।’’ मालदीव की संसद ‘पीपुल्स मजलिस’के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की। वह राज्यसभा के सभापति एवं लोकसभा स्पीकर के संयुक्त न्योते पर भारत की यात्रा पर आए हैं।
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