मध्य प्रदेश में साल 2020 की प्रमुख घटनाएं जिसने बदला इतिहास, सत्ता परिवर्तन से लेकर लव जिहाद तक
मध्य प्रदेश में साल 2020 में सबसे बड़ी घटनाओं में मार्च 2020 में हुए सत्ता परिवर्तन को माना जाएगा। जब नवम्बर 2018 में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सिर्फ एक बयान की वजह से अपनी सरकार गवा बैठी।
भोपाल। साल 2020 अपने पीछे कुछ यादें छोड़कर जा रहा है वह यादें जो इतिहास बन गई है। खासकर मध्य प्रदेश में वर्ष 2020 में राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से जो घटा वह अपने आप में एक इतिहास के रूप में सदा याद रखा जाएगा। चाहे वह 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का 15 महिनों में ही गिरना या फिर कोरोना संक्रमण के बीच सत्ता सम्हालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बिना मंत्रीमंडल के काम करना और मंत्रीमंडल विस्तार के बाद 28 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा की आप्रत्याशित जीत। कोरोना संक्रमण काल में अप्रवासी मजदूरों की सहायता, रोजगार, आर्थिक गतिविधियों के लिए किए गए काम और वर्ष के अंत में धर्म स्वतंत्र्य विधेयक 2020 को कैबिनेट की मंजूरी के बाद अध्यादेश के जरिए कानून बनाकर लव जिहाद पर अंकुश लगाने की कवायत। यह सब मध्य प्रदेश में साल 2020 में हुई घटनाओं के रूप मे गिना जाएगा।
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मध्य प्रदेश में साल 2020 में सबसे बड़ी घटनाओं में मार्च 2020 में हुए सत्ता परिवर्तन को माना जाएगा। जब नवम्बर 2018 में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सिर्फ एक बयान की वजह से अपनी सरकार गवा बैठी। दरआसल विधानसभा चुनाव 2018 में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी कांग्रेस ने अपने सहयोगियों और निर्दलीयों के सहयोग से सरकार बना ली थी, जिसके मुख्यमंत्री के रूप में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे कमलनाथ ने शपथ ली थी। उन्होंने किसान कर्जमाफी की घोषणा के बाद सत्ता मंन वापसी की थी और कुर्सी सम्हालते ही नए बने मंत्रालय भवन में पहली ही फाइल किसान कर्जमाफी पर हस्ताक्षर भी किए लेकिन इसी किसान कर्जमाफी ने उनकी सरकार को हासिए पर ला दिया।
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20 मार्च 2020 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले दिया इस्तीफा
20 मार्च 2020 शुक्रवार को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फ्लोर टेस्ट कराने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। कमलनाथ को इस्तीफा 230 सदस्यीय राज्य विधान सभा में कांग्रेस के संख्या बल की कमी के चलते बहुमत खो देने के कारण देना पड़ा। इससे पहले कमलनाथ ने दोपहर 12 बजे पत्रकार वार्ता बुलाकर कहा कि, अपने 15 महीने के कार्यकाल में उन्होंने मध्य प्रदेश को नई दिशा देने की पूरी कोशिश की थी। मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने की घोषणा के बाद, उन्हें औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपने के लिए तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने गए और मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
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पत्रकार वार्ता में, तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनकी सरकार की उपलब्धियों गिनाई। उन्होंने मध्य प्रदेश के मतदाताओं को राज्य में शासन की दिशा बदलने का मौका देने के लिए धन्यवाद देते हुए संबोधन शुरू किया था। हालाँकि, उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने को लेकर लोकतंत्र की हत्या के लिए भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 कांग्रेस की सरकार गठन के बाद से ही बीजेपी लगातार उनकी सरकार को गिराने की कोशिश लग गई थी। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों को बंदी बनाकर मध्य प्रदेश की जनता को धोखा दिया है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि इस विश्वासघात के लिए लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर एक कटाक्ष में, कमलनाथ ने कहा कि "भाजपा ने एक महाराजा और उनके 22 सहयोगियों के साथ साजिश रची"। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी अंतिम प्रेसवार्ता में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी इच्छा थी कि "कांग्रेस महल में नहीं, महल कांग्रेस में आए।"
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23 मार्च शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली
भाजपा की पिछली तीन सरकारों में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च, 2020 को भोपाल स्थित राजभवन में एक बार फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ राज्यपाल स्व. लालजी टंडन ने दिलाई। यह शिवराज सिंह चौहान का राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चौथा कार्यकाल था। कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के राज्य में बहुमत गंवाने के दो दिनों बाद ही उन्होंने शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण समारोह बडे सी सादे ढंग से आयोजित किया गया था ताकि नए मुख्यमंत्री कोविड -19 संक्रमण के प्रसार से निपटने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए जल्द से जल्द कार्यभार संभाल सकें।
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कैसे बढ़ा मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण
वही भोपाल में कोरोना संक्रमण का पहला केस 21 मार्च को आया जब एक पत्रकार की बेटी लंदन से कोरोना संक्रमित होकर आई थी और वह भी उसके संपर्क में आने से संक्रमित हो गए। यह पत्रकार कमलनाथ की पत्रकार वार्ता में मौजूद थे जिसके चलते पत्रकार जगत में सनसनी फैल गई। तो प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी कोरोना बंम फूट गया यहाँ प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित लोग जाँच में मिले तो वही भोपाल में भी कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे अपने पांव पसार चुका था। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भरकस प्रयास किए और प्रदेश में आने वाले मजदूरों और अप्रवासी मजदूरों की सहायता में जुट गए। यही नहीं अप्रैल, मई और जून माह में कोरोना संक्रमण के साथ ही किसानों से जुड़ी समस्याओं और आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने में शिवराज सरकार जुटी रही।
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प्रदेश के रीवा में सौर ऊर्जा परियोजना का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन
10 जुलाई, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में रीवा सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 जुलाई, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में 750 मेगावाट के रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया। इस दौरान मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ आभासी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि सौर संयंत्र न केवल रीवा में उद्योगों को बिजली प्रदान करेगा, बल्कि दिल्ली में मेट्रो रेल को भी बिजली प्रदान करेगा। रीवा के अलावा, शाजापुर, छतरपुर और नीमच में भी सौर ऊर्जा संयंत्र विकसित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ये सभी परियोजनाएं तैयार हो जाएंगी, तो मध्य प्रदेश सस्ते और स्वच्छ बिजली का एक केंद्र बन जाएगा।
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राज्यपाल लालजी टंडन का निधन
21 जुलाई,2020 को राज्यपाल लालजी टंडन का 85 वर्ष की आयु में निधन
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का 85 वर्ष की उम्र में 21 जुलाई 2020 मंगलवार को निधन हो गया थ। उन्हें पेशाब में कठिनाई के साथ बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जून से लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन 18 जुलाई 2020 को उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे जाने के बाद भी उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है क्योंकि फेफड़े, किडनी और लिवर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की मृत्यु की खबर की पुष्टि उनके बेटे आशुतोष टंडन ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट के माध्यम से की थी। मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन के अस्पताल में भर्ती होने के कारण, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश के साथ ही अंतरिम राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
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मध्य प्रदेश में 11 हजार करोड़ की सड़क योजनाओं का उद्घाटन
25 अगस्त, 2020 को केंद्रीय परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की 45 राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आभासी कार्यक्रम की अध्यक्षता की, उद्घाटन परियोजनाओं में 1 हजार 361 किमी सड़क, दो ओवर ब्रिज और छह पुल शामिल हैं, 11 हजार 427 करोड़ जिसमें रुपये का निर्माण मूल्य शामिल है। राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए, केंद्रीय मंत्री नीतीश गडकरी ने यह भी उल्लेख किया कि वे देश के प्रत्येक जिले में एक ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल खोलने की योजना बना रहे हैं। इन 45 राजमार्ग परियोजनाओं के उद्घाटन से मध्य प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही पूरे मध्य प्रदेश का विकास भी होगा जिसमें पिछड़े क्षेत्रों को भी अधिक गति मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, विकास के अलावा, ये सड़कें राज्य के भीतर और आसपास बेहतर सुविधा, कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाने में मदद करेंगी।
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मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना
23 सितंबर, 2020 को मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधान मंत्री किसान सम्मान की तर्ज पर 'मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना' की घोषणा की थी। घोषित योजना के तहत, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को रु. 6,000 प्रति वर्ष, की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना से लगभग 80 लाख किसान लाभान्वित होंगे। इसके अलावा, वह राज्य सरकार किसान-हितैषी योजनाओं को भी एकीकृत करेगी और इसे एक पैकेज के रूप में लागू करेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6000 मिलते हैं, अब मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत चार हजार रुपए की सहायता मध्य प्रदेश सरकार देगी। किसानों को अब राशि 10,000 की राशि हर साल मिलेगी।
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मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव
मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में मुख्य भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई विधानसभा की 25 और 3 सीटों पर विधायकों के असमय निधन के चलते अक्टूबर में 28 विधानसभा सीटों पर बिहार चुनाव के साथ- साथ उप चुनाव करवाने की घोषणा निर्वाचन आयोग ने की। इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा ने जमकर चुनाव प्रचार किया। इस दौरान कांग्रेस का दावा था कि वह 28 में से अधिक से अधिक विधानसभा सीटें जीतकर एक बार फिर सत्ता में वापसी करेगी लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के साथ मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा के उप चुनाव परिणामों ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। इस चुनाव में भाजपा को 19 सीटें तो कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत प्राप्त हुई। जिसके बाद मध्य प्रदेश में अस्थिर भाजपा सरकार को पूर्ण बहुमत मिल गया।
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ग्वालियर और ओरछा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में
9 दिसंबर 2020 को प्रदेश के ग्वालियर और ओरछा शहर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची के शहरों में शामिल हो गए। मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने 7 दिसंबर, 2020 को सूचित किया कि ओरछा और ग्वालियर के ऐतिहासिक किले शहरों को अपने शहरी परिदृश्य शहर कार्यक्रम के तहत यूनेस्को की विश्व विरासत शहरों की सूची में शामिल किया गया है। सरकार के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, पर्यटन विशेषज्ञों ने दोनों शहरों को मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में शामिल किया है।
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धर्म स्वतंत्र्य विधेयक 2020 लव जिहाद पर अंकुश
28 दिसंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून को मंजूरी दे दी। मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक 'धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020' को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। 28 दिसंबर से मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र प्रस्तावित था जो सर्वदलीय बैठक के बाद स्थगित हो गया। वही शिवराज कैबिनेट ने 29 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में अध्यादेश के जरिए विधेयक को मंजूरी दे दी। नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि प्रदेश में बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लोभ, लालच, प्रलोभन, धोखा देकर किसी प्रकार का धर्म परिवर्तन मध्य प्रदेश में नहीं होगा. यदि ऐसा किया गया तो प्रस्तावित कानून में अधिकतम 10 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी। अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी। मध्य प्रदेश द्वारा लाया गया यह सबसे कठोर कानून माना जा रहा है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने अपने प्रदेश में देश का सबसे कठोर कानून बनाया है।
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