‘Cash for query’ मामले में अकेली पड़ी महुआ मोइत्रा! वकील ने छोड़ा साथ, जानें High Court में क्या हुआ

Mahua Moitra
ANI
अंकित सिंह । Oct 20 2023 3:02PM

वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन महुआ मोइत्रा के वकील हैं। देहाद्राई के रहस्योद्घाटन के बाद न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा, 'मैं चकित हूं'। उन्होंने मोइत्रा के वकील से पूछा कि क्या वह प्रतिवादी के संपर्क में थे।

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के वकील ने शुक्रवार को अदालत में एक नाटकीय 'हितों के टकराव' के दावे के बाद संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने के आरोपों पर उनके द्वारा दायर मानहानि के मामले को वापस ले लिया। अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। मोइत्रा के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को 'सबूत' मुहैया कराने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि तृणमूल नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने उनके खिलाफ सीबीआई की शिकायत वापस लेने के लिए उनसे संपर्क किया था। देहाद्राई व्यक्तिगत रूप से पेश हुए और अदालत को बताया कि शंकरनारायणन ने कल रात उनसे संपर्क किया और बदले में उनसे अपनी सीबीआई शिकायत वापस लेने को कहा।

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वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन महुआ मोइत्रा के वकील हैं। देहाद्राई के रहस्योद्घाटन के बाद न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा, "मैं चकित हूं"। उन्होंने मोइत्रा के वकील से पूछा कि क्या वह प्रतिवादी के संपर्क में थे। शंकरनारायण ने जवाब दिया, "मैंने अपने ग्राहक से बात की और कहा कि मैं जय को जानता हूं। मुझे उससे बात करने की कोशिश करने दीजिए।" इसके बाद जज ने पूछा, "यदि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की, तो आप इस मामले में वादी के वकील के रूप में उपस्थित होने के योग्य कैसे हैं?" न्यायाधीश ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसका जवाब आपको खुद देना होगा। यह आपका निर्णय है।" जिसके बाद शंकरनारायणन को मामले से हटना पड़ा।

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मोइत्रा और देहाद्राई अपने पालतू रॉटवीलर, हेनरी को लेकर झगड़ रहे हैं। तृणमूल सूत्रों के हवाले बताया जा रहा कि पिछले छह महीनों में, तृणमूल सांसद ने कथित आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ कई पुलिस शिकायतें दर्ज की हैं। अदालत की कार्यवाही के तुरंत बाद, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, जिन्होंने मोइत्रा के खिलाफ जांच की मांग की है, उन्होंने कहा कि यह 2005 के कैश-फॉर-क्वेश्चन घोटाले की याद दिलाता है, उन्होंने ट्वीट किया, “जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस के सांसद भ्रष्टाचार के मुखबिर को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। सांसद के वकील जय अनंत देहाद्राई ने आज दिल्ली हाई कोर्ट में माना कि ये धोखाधड़ी है। इस पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।”

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