महाराष्ट्र को मराठा कोटा देने के लिए तमिलनाडु की पद्धति का अनुसरण करना चाहिए: आठवले

Ramdas Athawale
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमारा रुख यह है कि मराठा समुदाय के सदस्यों को आरक्षण देते समय ओबीसी प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसलिए, उनकी आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए (ओबीसी की) एक अलग श्रेणी बनाई जानी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एक अलग श्रेणी बनाने का बृहस्पतिवार को समर्थन किया और समुदाय की आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करने का महाराष्ट्र सरकार को सुझाव दिया।

आठवले ने कहा कि वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मराठा समुदाय की मांग का समर्थन करते हैं और इस संबंध में कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा शुरू किए गए आंदोलन का भी समर्थन करते हैं। वह एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मुंबई से लगे पालघर जिले के अपने दौरे के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यदि आरक्षण दिया जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मराठा समुदाय में सभी को इसका लाभ मिलेगा क्योंकि ‘क्रीमी लेयर’ मानदंड लागू होगा और केवल वे लोग जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, आरक्षण के दायरे में आएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमारा रुख यह है कि मराठा समुदाय के सदस्यों को आरक्षण देते समय ओबीसी प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसलिए, उनकी आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए (ओबीसी की) एक अलग श्रेणी बनाई जानी चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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