Maharashtra: चाचा-भतीजे की सीक्रेट मीटिंग पर बोले संजय राउत, अजित इतने बड़े नहीं कि शरद पवार को ऑफर दे सकें
उद्धव बालासाहेब सेना के नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें। उन्होंने अपने बयान में कहा कि अजित पवार को पवार (शरद पवार) साहब ने बनाया है अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया।
पुणे में एक उद्योगपति के घर पर अजित पवार के चाचा शरद पवार से मुलाकात के कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए गठबंधन को लेकर राजनीतिक अटकलें शुरू हो गईं है। राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री, एक कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अजित पवार अपने चाचा के पास दो विशिष्ट प्रस्तावों के साथ आए थे। एक, शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा, यूपीए के दौरान वरिष्ठ पवार उस पद पर थे। इससे साथ ही नीति आयोग के अध्यक्ष के रूप में एक पद है। दो, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को केंद्र में और जयंत पाटिल को राज्य मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी।
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संजय राउत ने क्या कहा
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को उद्धव बालासाहेब सेना के नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें। उन्होंने अपने बयान में कहा कि अजित पवार को पवार (शरद पवार) साहब ने बनाया है अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। 60 वर्ष से भी ज़्यादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताया है और 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है। हालांकि, शरद पवार ने स्पष्ट किया कि बैठक गुप्त नहीं थी और परिवार के सबसे वरिष्ठ के रूप में, वह अपने परिवार के सदस्यों से मिल सकते हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस ने पूछा कि परिवार के सदस्यों को कहीं और मिलने की आवश्यकता क्यों है।
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मोदी सरकार कर तंज
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि उनके पास और क्या बचा है? आप इमारत का नाम बदल सकते हैं लेकिन आप इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते। उन्होंने कहा कि आप महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जी द्वारा बनाए गए इतिहास को नहीं बदल सकते। आप उनके जैसा इतिहास नहीं बना सकते इसलिए आप नाम बदल रहे हैं। आपको ूता दें कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसायटी कर दिया गया है। भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर इस नाम को औपचारिक रूप दिया गया है।
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