Maharashtra की Rashmi Shukla ने रच दिया इतिहास, बनीं पहली महिला पुलिस महानिदेशक

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पुणे में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने ‘सी-समरी रिपोर्ट’ (मामला न तो गलत है और न ही सच है) प्रस्तुत की थी और मामले को बंद करने की मांग की थी, जबकि मुंबई के मामले में सरकार ने शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। फडणवीस अब उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री हैं।

रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र की नई डीजीपी बनाई गई है, जो वर्ष 1988 बैच की आईपीएस अधिकारी है। डीजीपी बनाए जाने के साथ ही रश्मि शुक्ला ने इतिहास रच दिया है क्योंकि वो महाराष्ट्र की पहली महिला पुलिस निदेशक बन गई है। वो भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी है, जो डीजीपी बनाए जाने के बाद तत्कालीन डीजीपी रजनीश सेठ की जगह लेंगी। सेठ 31 दिसंबर 2023 को सेवानिवृत्त हो चुके है।

तत्कालीन डीजीपी रजनीश सेठ की जगह वर्तमान में मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे है। बता दें किरश्मि शुक्ला को राज्य का डीजीपी बनाए जाने का आदेश महाराष्ट्र के गृह विभाग ने जारी किया है। बता दें कि वर्ष 1988 बैच की आईपीएस अधिकारी शुक्ला (59) प्रतिनियुक्ति पर सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक के रूप में तैनात थी। रश्मि शुक्ला पुणे पुलिस आयुक्त के पद पर काम कर चुकी है, जहां वो "बॉडी कॉप" पहल शुरू कर चुकी है।

विवादों में घिरी थीं शुक्ला

इससे पहले रश्मि शुक्ला महा विकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान चर्चा में भी आई थी। उन्हें फोन टैपिंग मामलों में आरोपी के रूप में नामजद किया गया था। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद ही वो भाजपा सरकार की करीबी मानी गई थी। बंबई उच्च न्यायालय ने सितंबर 2023 में इस संबंध में शुक्ला के खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकी को रद्द कर दिया। जब देवेन्द्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे और शुक्ला राज्य के खुफिया विभाग की प्रमुख थीं, तब कुछ विपक्षी नेताओं के फोन कथित तौर पर अवैध रूप से टैप करने के लिए पुणे और दक्षिण मुंबई के कोलाबा में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। 

पुणे का मामला प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के फोन कॉल कथित तौर पर रिकॉर्ड करने के लिए दर्ज किया गया था, जबकि मुंबई का मामला शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खडसे के फोन कॉल कथित तौर पर रिकॉर्ड करने के लिए दर्ज किया गया था।  

विपक्ष के नेता के रूप में फडणवीस द्वारा पुलिस विभाग में तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में तत्कालीन महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक को कथित तौर पर शुक्ला द्वारा लिखे गए एक पत्र का हवाला देने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। पुणे में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने ‘सी-समरी रिपोर्ट’ (मामला न तो गलत है और न ही सच है) प्रस्तुत की थी और मामले को बंद करने की मांग की थी, जबकि मुंबई के मामले में सरकार ने शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। फडणवीस अब उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री हैं।

संभाल चुकी हैं कई पद

बता दें कि वो महाराष्ट्र खुफिया आयुक्त के पद से नागरिक सुरक्षा में भेजी गई थी। फरवरी 2021 में उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एडीजी के तौर पर नियुक्ति दी गई। इसके बाद वो एसएसबी की प्रमुख भी बनाई गई।

इस दिन होगी सेवानिवृत्ति

डीजीपी के तौर पर रश्मि शुक्ला का कार्यकाल छह महीने का रहने वाला है। वो जून 2024 में सेवानिवृत्त होंगी। मगर संभावना है कि राज्य सरकार उन्हें एक्सटेंशन उपलब्ध कराए।  

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