महाराष्ट्र के राज्यपाल सत्ता के दो केंद्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं : नवाब मलिक
महाराष्ट्र के काबीना मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की आलोचना करते हुए कहा कि वह राज्य में सत्ता के दो केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन और राजभवन के बीच टकराव को दर्शाती है।
मुंबई। महाराष्ट्र के काबीना मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की आलोचना करते हुए कहा कि वह राज्य में सत्ता के दो केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन और राजभवन के बीच टकराव को दर्शाती है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मलिक के बयान की आलोचना की है। मलिक ने कहा कि कोश्यारी ने राज्य सरकार को बताए बिना कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को शपथ लेने के बाद शक्तियां सौंपी जाती हैं, लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल राज्य में दो शक्ति केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार को बताए बिना राज्य की कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया है।’’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता मलिक ने दावा किया कि राज्यपाल न केवल राज्य का दौरा कर रहे हैं, बल्कि जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न सरकारी कार्यों की जानकारी ले रहे हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘अगर उन्हें (राज्यपाल) कुछ जानने की जरूरत है, तो वह इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिख सकते हैं।’’ महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने मलिक के बयान की आलोचना की और कहा, ‘‘नवाब मलिक को राज्यपाल की आलोचना करने की बजाय उस जिले में ज्यादा समय बिताना चाहिए जहां के वह पालक मंत्री हैं। संवैधानिक रूप से राज्यपाल का पद मुख्यमंत्री के पद से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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मलिक को शायद इसकी जानकारी नहीं होगी।’’ भाजपा नेता ने कहा कि मलिक राज्य सरकार में मंत्री हैं और उन्हें बाढ़ राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राज्य की शिवसेना नीत महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में राकांपा भी घटक है। पूर्व में भी महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्यों के नामांकन और कोरोना वायरस के प्रसार के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान धार्मिक स्थलों को खोलने के मुद्दे पर एमवीए सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव हो चुका है।
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