प्रदेश BJP अध्यक्ष बोले, मराठा-ओबीसी आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार का रवैया गंभीर नहीं

chandrakant patel

उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को निष्प्रभावी कर दिया था और इसे ‘असंवैधानिक’ बताया था।

मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को राज्य सरकार पर शिक्षा और नौकरियों में मराठा आरक्षण और स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण पर ‘लापरवाह रवैया’ अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि दोनों ही मामलों में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष मजबूती के साथ रखने में विफल रही।

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उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को निष्प्रभावी कर दिया था और इसे ‘असंवैधानिक’ बताया था। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये आरक्षण पर गौर करने के बाद आदेश दिया था कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों में आरक्षण कुल सीटों के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘‘ क्या किसी को पता है कि स्थानीय शासन निकायों में ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण नहीं देने के क्या सामाजिक परिणाम होंगे? यह उनके साथ घोर अन्याय होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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