उद्धव की वजह से राणे को छोड़नी पड़ी थी शिवसेना, विरोध के बीच भाजपा में हो रहे शामिल
कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद राणे भाजपा की मदद से राज्यसभा के लिए चयनित हुए थे। तत्पश्चात नारायण राणे ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी का गठन किया था, जो राजग का हिस्सा है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे। महाराष्ट्र के सोलापुर में 1 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक रैली को संबोधित करेंगे। इसी बीच नारायण राणे भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। नारायण राणे ने खुद इस बात की पुष्टि की है। आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद राणे भाजपा की मदद से राज्यसभा के लिए चयनित हुए थे। तत्पश्चात नारायण राणे ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी का गठन किया था, जो राजग का हिस्सा है।
नारायण राणे की पार्टी का होगा विलय
नारायण राणे भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अपनी पार्टी (महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी) का विलय भाजपा में कर सकते हैं। भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नारायण राणे के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विधायण राणा जगजीत सिंह पाटिल और सतारा सांसद उदयनराजे भोसले भी भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं।
विधानसभा चुनावों से पहले लग रहे कांग्रेस-NCP को झटके
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर के अंत में हो सकते हैं इससे पहले ही कांग्रेस और एनसीपी को लगातार झटके लग रहे हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस और एनसीपी के कुछ विधायक इन दिनों शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में हैं। वहीं बीते दिनों एनसीपी छोड़ने की अटकलों के बीच विधायक अवधूत तटकरे ने भी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी।
नारायण राणे का शिवसेना कर रही विरोध
मंगलवार को नारायण राणे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बात शिवसेना नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि राणे का भाजपा में शामिल होना दूध में नमक मिलाने जैसा होगा और मुझे यह नहीं लगता कि मुख्यमंत्री ऐसा फैसला लेंगे। इसी के साथ केसरकर ने कहा था कि मुख्यमंत्री अभी तक सही फैसले लेते आए हैं और उम्मीद है कि वह आगे भी ऐसा ही करेंगे।
राणे को था फडणवीस के फैसले का इंतजार
पिछले दिनों नारायण राणे ने कहा था कि अब उनके सब्र का बांध टूट रहा है और अगर ऐसा होता है तो वह अपनी पार्टी को 10 दिनों के भीतर भंग कर देंगे। इसी बीच उन्होंने यह भी दावा किया था कि अमित शाह ने उनकी पार्टी को भाजपा में विलय कराने की हरी झंडी दे दी है और अब इंतजार है तो बस देवेंद्र फडणवीस की हां का।
कभी शिवसेना के थे नारायण राणे
नारायण राणे ने अपनी आत्मकथा 'झंझावात' में इस बात का जिक्र किया है कि आखिर उन्होंने शिवसेना क्यों छोड़ी थी। यह किताब अंग्रेजी और मराठी भाषा में प्रकाशित हुई है। आपको बता दें कि राणे ने किताब में लिखा है कि बाला साहेब ठाकरे नहीं चाहते थे कि राणे कभी शिवसेना छोड़े लेकिन उद्धव ने ऐसा करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब को धमकी दी थी कि यदि राणे को पार्टी में रोका गया तो वह घर छोड़ कर चले जाएंगे। आपको बता दें कि नारायण राणे ने शिवसेना छोड़कर कांग्रेस और फिर कांग्रेस छोड़कर महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी का गठन किया था। फिलहाल राणे भाजपा के कोटे से महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं और जल्द ही अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने वाले हैं।
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