किसानों के सर चढ़कर बोल रहा कालानमक का जादू, तीन गुना बढ़ी बीज की बिक्री

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कालानमक पर वर्षों से अनुसंधान करने वाले और धान की कई प्रजातियों को विकसित करने वाले डॉक्टर आर सी चौधरी भी इसकी पुष्टि करते हैं। उनकी संस्था पीआरडीएफ ने लखनऊ में जो बीज भेजे थे वह खत्म हो चुके हैं। लेने वालें में हरदोई,पीलीभीत, उन्नाव और अम्बेडकरनगर आदि आसपास जिलों के किसान हैं।

लखनऊ। श्रद्धानंद तिवारी मूलतः देवरिया से हैं। खाद-बीज के प्रतिष्ठित दुकानदारों में इनका शुमार होता है। इस कारोबार से वह करीब 50 साल से जुड़े हैं। गोरखपुर और देवरिया दोनों जगह उनकी दुकान (उत्तम बीज भंडार) है इस साल गोरखपुर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित उनकी दुकान पर लगा बैनर उधर से गुजरने वालों खासकर सीजन में रोज उनकी दुकान पर आने वाले सैकड़ों किसानों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींचता है। बैनर पर लिखा है, किसान भाई कालानमक धान के जरिए अपनी आय को दोगुना-तिगुना करें। 

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यह है खरीफ के मौजूदा फसली सीजन में भगवान बुद्ध का प्रसाद। सिद्धार्थनगर के ओडीओपी (एक जिला,एक उत्पाद) कालानमक धान का क्रेज। इसको लोकप्रिय बनाने के लिए योगी सरकार की ओर से लगातार किए गए प्रयास अब रंग दिखाने लगे हैं। इसकी खूबियों (खुशबू,स्वाद एवं पौष्टिकता) का जादू अब किसानों के सर चढ़कर बोल रहा है। श्रद्धानंद तिवारी के अनुसार खरीफ के मौजूदा सीजन में इसके बीज की बिक्री बढ़कर करीब तीन गुना हो गई है।

पूर्वांचल ही नहीं लखनऊ और आसपास के जिलों से भी मांग

कालानमक पर वर्षों से अनुसंधान करने वाले और धान की कई प्रजातियों को विकसित करने वाले डॉक्टर आर सी चौधरी भी इसकी पुष्टि करते हैं। उनकी संस्था पीआरडीएफ ने लखनऊ में जो बीज भेजे थे वह खत्म हो चुके हैं। लेने वालें में हरदोई,पीलीभीत, उन्नाव और अम्बेडकरनगर आदि आसपास जिलों के किसान हैं। उनका कहना है कि मांग देखते हुए पहली बार उनको कहना पड़ा कि बिका हुआ बीज वापस नहीं लिया जाएगा। फिलहाल किसी ने अब तक वापसी के बाबत बात भी नहीं की है।

और बेहतर प्रजातियों के विकास के लिए इरी कर रहा शोध

किसानों में इसका क्रेज देखते हुए इसके अनुसंधान पर भी जोर है। वाराणसी स्थित इरी (इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट) इसपर शोध कर रहा। वह कई प्रजातियों पर ट्रायल कर रहा है। ट्रायल में जो प्रजाति बेहतर निकलेगी उसे किसानों में लोकप्रिय किया जाएगा। उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों के बीच काम करने वाली संस्था सस्टेनेबल ह्यूमन डेवलेपमेंट को इरी ने कालानमक की 15 प्रजातियों को एक जगह छोटे-छोटे रकबे में डिमांस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध कराया है। 

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सरकार की ओर से अब तक किए गए प्रयास

कालानमक की इस लोकप्रियता के पीछे योगी सरकार की बड़ी भूमिका है। सिद्धार्थनगर का ओडीओपी घोषित करने के बाद से सरकार ने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए कई प्रयास किए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लघु,सुक्ष्म एवं मध्यम उद्योग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर नवनीत सहगल खुद कई बार सिद्धार्थनगर गए। किसानों एवं प्रशासन के साथ बैठक की। सरकार की ओर से कपिलवस्तु में कालनमक महोत्सव का लोकार्पण खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। कुशीनगर में आयोजित अंतराष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव में आये बौद्ध देश के अतिथियों को गिफ्ट हैंपर के रूप में कालानमक दिया गया। खास अवसर पर खास अतिथियों को दिए जाने गिफ्ट हैंपर में कालानमक अनिवार्यतः होता ही है।

प्रदेश सरकार की ओर से सिद्धार्थनगर में कालानमक का कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनकर तैयार है। इसके चलने पर ग्रेडिंग, पैकिंग से लेकर हर चीज की अत्याधुनिक सुविधा एक ही छत के नीचे मिल जाएगी। योगी सरकार के इन सारे प्रयासों का नतीजा सबके सामने है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालानमक को लोकप्रिय बनाने के लिए वहां के तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक मीणा को सम्मानित भी किया।

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