मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस संगठन का चुनाव सम्पन्न, चुनाव के दौरान कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी आई सामने
वही वोटिंग से पहले ही प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार आगर-मालवा से नवनिर्वाचित विधायक विपिन वानखेड़े ने मैदान छोड़ दिया था। वानखेड़े ने एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी को समर्थन दिया था और अपने समर्थकों को विवेक त्रिपाठी के पक्ष में वोट करने की अपील की थी।
भोपाल। मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस संगठन चुनाव में तीन दिन चली वोटिंग प्रक्रिया रविवार को समाप्त हो गई। युवक कांग्रेस संगठन चुनाव के लिए गुरुवार को ऑनलाइन वोटिंग शुरू हुई थी। युवक कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के लिए 11 महासचिव और 56 सचिव पदों के लिए 116 उम्मीदवार हैं। महासचिव में एक-एक पद अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला व अनुसूचित जाति-जनजाति और विकलांग के लिए रिजर्व किया गया है, जबकि पांच पद सामान्य होंगे। चार उपाध्यक्ष चुने जाएंगे, जिनमें से एक महिला व एक अनुसूचित जाति-जनजाति का होगा।
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इसके अलावा सचिव पद पर उन नेताओं की नियुक्ति की जाएगी, जो निर्धारित न्यूनतम मत हासिल करेंगे। युवक कांग्रेस चुनाव प्रभारी मकसूद मिर्जा के अनुसार 4 लाख से अधिक यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने ऑनलाइन वोटिंग में भाग लिया। एक सदस्य द्वारा 5 वोट किए गए। इन सदस्यों ने प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव, जिला अध्यक्ष, जिला महासचिव और विधानसभा समिति के लिए अपना वोट दिया। युवा कांग्रेस पदाधिकारियों के लिए 10 दिसंबर से 12 दिसंबर सुबह 8 बजे से 4 बजे तक तीन दिन लगातार हुई। इससे पहले 27 फरवरी 2020 से 03 मार्च तक युवा कांग्रेस का ऑनलाइन सदस्यता अभियान चलाया गया था। वही 03 मार्च से 06 मार्च तक वोटर लिस्ट की स्कूटनी की गई। तो 24-25नवम्बर को उम्मीदवारोंं ने चुनाव लड़ने के लिए नामंकन किया। तो 26 नवम्बर को उम्मीदवारों की स्कूटनी की गई और 28 नवम्बर को सभी उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए। जिसके बाद 10 से 12 दिसम्बर को तीन दिन तक ऑनलाइन वोटिंग की गई।
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वही वोटिंग से पहले ही प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार आगर-मालवा से नवनिर्वाचित विधायक विपिन वानखेड़े ने मैदान छोड़ दिया था। वानखेड़े ने एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी को समर्थन दिया था और अपने समर्थकों को विवेक त्रिपाठी के पक्ष में वोट करने की अपील की थी। जिसके बाद अध्यक्ष पद के लिए हो रहे मुकाबले में त्रिपाठी सहित सिर्फ 9 उम्मीदवार शेष रह गए थे। वानखेड़े से पहले हर्षित गुरु और अंकित डोली अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुके थे। विधायक विपिन वानखेड़े द्वारा नाम वापस लिए जाने के बाद अध्यक्ष पद के लिए विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, डॉ. विक्रांत भूरिया, संजय सिंह यादव, विवेक त्रिपाठी, अजीत बोरासी, मोना कौरव, पिंकी मुदगल, वंदना वेद और जावेद खान चुनाव मैदान में रह गए थे। जिनके लिए युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तीन दिन वोटिंग की।
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वही इस चुनाव में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी भी नज़र आई। जहाँ पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ.विक्रांत भूरिया के पक्ष में महौल बनाने की कोशिश की तो वही पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और उनके समर्थकों ने संजय सिंह यादव का समर्थन किया। वही विवेक त्रिपाठी को प्रदेश के अन्य बड़े नेताओं का अंदरूनी समर्थन हासिल रहा। अभी तक ऐसा माना जा रहा था कि कांतिलाल भूरिया के पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया ही आगामी मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे लेकिन आगर-मालवा से युवा विधायक विपिन वानखेड़े द्वारा राजधानी भोपाल के युवा नेता विवेक त्रिपाठी को समर्थन दिए जाने के बाद बाजी पलटती नज़र आ रही है। ऐसा भी माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की अंदरूनी समर्थन विवेक त्रिपाठी को मिला है। मतदान समाप्त होने के बाद अब 15 दिसंबर तक युवा कांग्रेस के चुनाव परिणाम आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसमें विवेक त्रिपाठी और डॉ. विक्रांत भूरिया के बीच कांटे की टक्कर है।
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