मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पुलिसकर्मी ने एक थाने में गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए शुरू की कक्षा

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मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में शिक्षक से पुलिसकर्मी बने एक व्यक्ति ने अनूठी पहल करते हुए दूरदराज गांव के एक थाने में वंचित बच्चों के लिये पुस्तकालय खोला है और वह अपनी ड्यूटी शुरू होने से पहले थाने में ही बच्चों के लिये कक्षा भी चलाते हैं।

पन्ना (मप्र)। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में शिक्षक से पुलिसकर्मी बने एक व्यक्ति ने अनूठी पहल करते हुए दूरदराज गांव के एक थाने में वंचित बच्चों के लिये पुस्तकालय खोला है और वह अपनी ड्यूटी शुरू होने से पहले थाने में ही बच्चों के लिये कक्षा भी चलाते हैं। हर सुबह पुलिस की अपनी वर्दी में आने से पहले उप निरीक्षक बखत सिंह (41) एक शिक्षक के तौर पर सुबह सात बजे से दस बजे के बीच कक्षा चार से आगे की कक्षाओं के बच्चों और विभिन्न प्रतियोगी व सिविल सेवा की परीक्षाओं में बैठने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों की कक्षा लेते हैं।

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जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर, छह हजार की आबादी वाले ब्रजपुर गांव के थाना परिसर में उनके द्वारा स्थापित पुस्तकालय में रखी पुस्तकें विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। इस इलाके में अशिक्षा और गरीबी को देखकर बखत सिंह को विद्यादान का विचार आया। इलाके में मुख्य रूप से दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्ग के लोग रहते हैं जो पास की खदानों में श्रमिकों के तौर पर काम करते हैं।

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विद्यार्थियों को थाना परिसर में आने में डर लगने के सवाल पर बखत सिंह ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘ पुलिस का उद्देश्य अपराधियों में डर पैदा करना और अच्छे लोगों का स्वागत करना है। हम पुलिस की सकारात्मक छवि बनाना चाहते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि साक्षरता और अच्छी नैतिक शिक्षा समाज में अपराध पर अंकुश लगा सकती है।’’

उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में आने से पहले उन्होंने एक सरकारी स्कूल में सात साल तक शिक्षक के तौर पर काम किया। सिविल सेवा के लिये तैयारी कर रहे 15 वर्षीय आदर्श दीक्षित ने कहा कि वह शुरू मेंथाना परिसर में जाने से डरता था लेकिन सिंह से मिलने के बाद और उनके शिक्षण के तरीकों और व्यक्तित्व से वह काफी प्रभावित हुआ।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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