Loksabha Election में 538 सीटों पर जितने वोट डाले गए, मतगणना में उससे कम की गिनता हुई, ADR Report में खुलासा

evm
प्रतिरूप फोटो
ANI Image
रितिका कमठान । Jul 30 2024 11:56AM

एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसके अलावा, अंतिम मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने में अत्याधिक देरी, निर्वाचन क्षेत्रवार तथा मतदान केंद्र वार अंकड़े उपलब्ध न होने और क्या नतीजे अंतिम मिलान अंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए थे।

लोकसभा चुनाव में कुल 538 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जिनका निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए मत, गिने गए मतों की संख्या में गड़बड़ी देखने को मिली है। ये दावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से किया गया है, जिसे एडीआर भी कहा जाता है। एडीआर के मुताबिक लोकसभा चुनाव में 538 सीटों पर जो वोट पड़े हैं और जिनकी गिनती हुई है उसमें काफी अंतर देखने को मिला है।

इस संबंध में एडीआर के संस्थापक प्रो. जगदीप छोकर ने रिपोर्ट जारी की है जिसमें ये दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनाव में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों और गिने गए मतों की संख्या में विसंगति है। रिपोर्ट की मानें तो लोकसभा चुनाव में 362 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए मतों की तुलना में कुल 5,54,598 वोट कम गिने गए जबकि 176 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए वोट की तुलना में कुल 35,093 मत अधिक गिने गए। इस मामले पर निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया का इंतजार है। एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसके अलावा, अंतिम मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने में अत्याधिक देरी, निर्वाचन क्षेत्रवार तथा मतदान केंद्र वार अंकड़े उपलब्ध न होने और क्या नतीजे अंतिम मिलान अंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए थे, इसकी अस्पष्टता ने चुनाव परिणामों की सत्यता के बारे में चिंता और सार्वजनिक संदेह पैदा कर दिया है। 

हालांकि, एडीआर ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मतों में इस अंतर की वजह से कितनी सीट पर अलग परिणाम सामने आते। रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग मतगणना पर अंतिम और प्रामाणिक डेटा जारी करने से पहले चुनाव परिणाम घोषित करने, ईवीएम में डाले गए मतों और गिने गए मतों में अंतर, मत प्रतिशत में वृद्धि, डाले गए मतों के आंकड़े संख्या में न देने, डाले गए मतों के आंकड़े को जारी करने में अनुचित देरी और अपनी वेबसाइट से कुछ डेटा को हटाने का कोई उचित स्पष्टीकरण देने में अब तक विफल रहा है। छोकर ने कहा, “लोकसभा चुनाव 2019 और लोकसभा चुनाव 2024 में हुए उल्लंघन, अवैधता और अनियमितताओं की गंभीर घटनाओं का समाधान करने और उनके खिलाफ उचित कदम उठाने में निर्वाचन आयोग विफल रहा है, जिससे मतदाताओं के मन में आशंकाएं पैदा हुई हैं। इन आशंकाओं का गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए और उन्हें दूर किया जाना चाहिए।”  

रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव 2024 के परिणामों में 538 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए मतों में काफी विसंगतियां सामने आईं, अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव को छोड़कर। रिपोर्ट में कहा गया है, “सूरत संसदीय सीट पर कोई मुकाबला नहीं था। इसलिए 538 संसदीय सीट पर कुल 5,89,691 मतों की विसंगति है।” स्वतंत्र पत्रकार पूनम अग्रवाल ने भी प्रेस वार्ता में कहा कि डाले गए मतों और गिने मतों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर उन्हें भी बिल्कुल यही परिणाम मिला। सत्रहवें आम चुनाव के दौरान, चुनाव के पहले छह चरणों के लिए ‘वोटर टर्नआउट ऐप’ पर मतदाताओं की सही संख्या प्रदर्शित की गई थी। हालांकि, अंतिम चरण यानी सातवें चरण के मतदान में केवल प्रतिशत में आंकड़े दिए गए थे और निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले डेटा को हटा दिया गया था। 

विशेषज्ञों और एडीआर की एक टीम द्वारा किए गए शोध के अनुसार, विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या और गिने गए मतों की संख्या के बीच गंभीर विसंगतियां पाई गईं। वर्ष 2019 के चुनाव के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है, “542 निर्वाचन क्षेत्रों के मास्टर सारांश में 347 सीट पर विसंगतियां दिखाई दीं। 195 सीट में विसंगति नहीं थीं। विसंगतियां एक वोट (सबसे कम) से लेकर सबसे अधिक 101323 वोट (कुल मतों का 10.49 प्रतिशत) तक थी। ” इसमें कहा गया है,“ छह सीट ऐसी थीं जहां मतों में विसंगति जीत के अंतर से ज़्यादा थी। कुल मिलाकर विसंगति 739104 मतों की थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़