लोकसभा में किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों का हंगामा, सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित

Om Birla

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘बिना तथ्यों के आरोप लगाना ठीक नहीं है। आप लिखकर दीजिए, मैं जांच कराऊंगा।’’

नयी दिल्ली। लोकसभा में किसानों के मुद्दे पर मंगलवार को कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब 15 मिनट बाद एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही द्रमुक के एक सांसद ने अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया। द्रमुक के कथीर आनंद दुरई मुरगन ने दावा किया कि मंगलवार दोपहर को तमिलनाडु भवन में दो-तीन लोग उनके कमरे में घुस आए और खुद को एक जांच एजेंसी का अधिकारी बताने वाले ये लोग उनसे संसद में विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रुख आदि के बारे में पूछताछ करने लगे। 

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इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद में वही बात की जाए जो प्रामाणिक हो। उन्होंने कहा, ‘‘बिना तथ्यों के आरोप लगाना ठीक नहीं है। आप लिखकर दीजिए, मैं जांच कराऊंगा।’’ इसके बाद पंजाब से कांग्रेस के सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू ने दावा किया कि उनके और कांग्रेस के तीन अन्य सदस्यों संतोख चौधरी, जसबीर सिंह गिल और गुरजीत सिंह औजला के साथ सोमवार को संसद भवन के पास पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी की। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसानों के मुद्दे पर कैंडल मार्च निकालते हुए विजय चौक की ओर जा रहे थे। 10-15 मीटर ही पहुंचें होंगे कि करीब 100 पुलिसकर्मी अचानक से आ गए। उन्हें लगा कि कहीं से किसान आ गए। ये लोग किसानों से कितने डरे हुए हैं, इससे पता चलता है।’’

बिट्टू ने आरोप लगाया कि वे तो विजय चौक पर जाकर मोमबत्ती जलाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने चारों सांसदों को बुरी तरह पीटा। उन्होंने खुद को भी चोट लगने का दावा किया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि खाकी लोगों को बचाने के लिए होती है और आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वास्तव में किसान ही होते तो पुलिस उनके साथ क्या बर्ताव करती, कल्पना की जा सकती है। इस पर अध्यक्ष बिरला ने कहा कि उन्हें बिट्टू और संतोख सिंह चौधरी के पत्र मिले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जैसे ही पता लगा मैंने इस मामले की रिपोर्ट मंगाई। इस संदर्भ में पूर्ण जानकारी मंगा रहा हूं। सभी सदस्यों को आश्वस्त करता हूं कि आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। मेरी कोशिश होती है कि हर सदस्य का सम्मान और विश्वास कायम रखूं।’’ 

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लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार की ओर से रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को घोषणा किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नाम मात्र की बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में एमएसपी और खरीद के मुद्दे पर किसान उत्तेजित हैं और सड़कों पर हैं। चौधरी ने पिछले दिनों संसद से पारित दो कृषि विधेयकों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी पार्टी की मांग है कि एमएसपी को विधेयक में शामिल किया जाए। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘किसानों को आप पर भरोसा नहीं।’’

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने जो बात उठाई है, उनकी पार्टी उसका समर्थन करती है। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य अपने-अपने स्थानों पर खड़े होकर हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे। सदन में शोर-शराबा होने पर बिरला ने सभी सदस्यों से बैठने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘सभी की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। मैं चाहता हूं कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप के बीच सभी सदस्य यहां से स्वस्थ लौटें और देश की सेवा करें।’’ उन्होंने कहा कि सदस्यों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की चिंता करते हुए सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए लिए स्थगित की जाती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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