वाम, कांग्रेस व आईएसएफ गठबंधन ने जनहित सरकार पर दिया जोर, पहले दिन दिखी दरार
आईएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस को परोक्ष रूप से धमकी देते हुए सीटों के बंटवारे को लेकर नाराजगी जतायी। सिद्दीकी ने आगामी चुनावों में भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस को हराने का संकल्प लिया। लेकिन उन्होंने कांग्रेस के लिए सावधानी भरे शब्द में कहा कि आईएसएफ भागीदार बनने और अपना सही दावा प्राप्त करने के लिए यहां है।
हालांकि आईएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस को परोक्ष रूप से धमकी देते हुए सीटों के बंटवारे को लेकर नाराजगी जतायी। सिद्दीकी ने आगामी चुनावों में भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस को हराने का संकल्प लिया। लेकिन उन्होंने कांग्रेस के लिए सावधानी भरे शब्द में कहा कि आईएसएफ भागीदार बनने और अपना सही दावा प्राप्त करने के लिए यहां है। उल्लेखनीय है कि आईएसएफ का विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे के साथ सीट बंटवारे पर समझौता हो चुका है जबकि कांग्रेस से बातचीत चल रही है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल माकपा सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने तीसरे विकल्प की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वाम-कांग्रेस का महागठबंधन राज्य में रोजगार और औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को ऐसी सरकार की आवश्यकता है, जो तृणमूल और भाजपा की नकल नहीं हो। मिश्रा ने कहा, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा, एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उनका एजेंडा लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटकर शासन करना है। हम देख चुके हैं कि किस तरह तृणमूल के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। अब भाजपा और तृणमूल दोनों ही बेनकाब हो चुके हैं।बदलाव का संकल्प जब क्रांति का रूप लेता है, तो कुछ ऐसा दिखता है। काँग्रेस-लेफ्ट की रैली में अपार जनसमूह की तस्वीरें पश्चिम बंगाल में बदलाव की बह रही लहर को बयान कर रही हैं। बंगाल में बदलाव तय है, गठबंधन की विजय है।
— Kunal Choudhary (@KunalChoudhary_) February 28, 2021
(कोलकाता का ब्रिगेड परेड ग्राउंड)
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माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि आरएसएस-भाजपा की सांप्रदायिक गतिविधि को रोकने के लिए यह जरूरी है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहले तृणमूल कांग्रेस को हराया जाए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में ममता बनर्जी नीत पार्टी सरकार बनाने के लिए फिर से राजग में शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग मुझसे पूछते हैं कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में हम क्या करेंगे। मैं उनसे कहता हूं कि वे यह सवाल सीधे तृणमूल कांग्रेस से करें क्योंकि वे इसका जवाब देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस 1998 से (कई वर्षों तक) राजग का हिस्सा रही है। वह (केन्द्र में) राजग सरकार का हिस्सा रही है। (चुनाव के बाद) त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में मुझे पूरा विश्वास है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लेगी।’’ येचुरी ने कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ आना होगा।’’ अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस चाहती हैं कि इन दोनों दलों के अलावा राज्य में कोई अन्य राजनीतिक ताकत मौजूद न हो, जो उनके रास्ते में आए। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में, भाजपा या तृणमूल कांग्रेस कोई नहीं होगा, केवल महागठबंधन रहेगा।’’ अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘उनके अहंकार’ के लिए सबक सिखाएगी। सिद्दीकी ने कहा, हम तुष्टीकरण नहीं चाहते हैं। हम इस देश के किसी भी अन्य नागरिक की तरह अपना हक चाहते हैं। हमारे पास भी समान अधिकार हैं।
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