बड़े मंगलवार के दिन Karnataka में हनुमानजी की शरण में पहुँचे सभी दलों के नेता, धारा 144 का हवाला देकर रोके जाने पर VHP भड़की
हनुमान चालीसा पाठ के बाद मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि हमारे संदेश स्पष्ट है कि हम हनुमान में विश्वास करते हैं, हम राम में विश्वास करते हैं। मैं हर दिन प्रार्थना करता हूं, आज मैंने पब्लिक में प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम के लिए जो हनुमान हैं, वही बजरंग बली के लिए बजरंग दल है।
कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार थम चुका है और मतदान से एक दिन पहले सभी राजनीतिक दल भगवान हनुमान की शरण में हैं। आज बड़ा मंगलवार भी है इसलिए इस दिन वैसे भी हनुमानजी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। कर्नाटक में तो चूंकि हनुमानजी विधानसभा चुनावों में मुद्दा बन चुके हैं इसलिए आज के दिन अलग ही छटा देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हुबली में अपने समर्थकों के साथ विजय नगर के हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया तो दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु के केआर मार्केट के अंजनेय स्वामी मंदिर में पूजा की। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी हुबली में VHP कार्यकर्ताओं के साथ नागशेट्टीकोप्पा हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। हनुमान चालीसा पाठ के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हमारे संदेश स्पष्ट है कि हम हनुमान में विश्वास करते हैं, हम राम में विश्वास करते हैं। हनुमान ताकत का स्रोत हैं। मैं हर दिन प्रार्थना करता हूं, आज मैंने पब्लिक में प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम के लिए जो हनुमान हैं, वही बजरंग बली के लिए बजरंग दल है।
हम आपको बता दें कि भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद ने आज राज्य भर में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गयी है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने विश्व हिन्दू परिषद के एक आयोजन को रोकना चाहा तो संगठन के नेता शशिकांत शर्मा भड़क गये और कहा कि क्या अब हमें हमारे देश में भगवान की आराधना करने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता पड़ेगी? उन्होंने कहा कि क्या हम पाकिस्तान में हैं जो पूजा पाठ के लिए इजाजत लेनी पड़ेगी?
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कर्नाटक चुनाव प्रचार पर एक नजर
दूसरी ओर कर्नाटक में पूरे चुनाव प्रचार पर गौर करें तो देखने को मिलता है कि करीब महीने भर हुए प्रचार के दौरान ‘जहरीले सांप’, ‘विषकन्या’ और ‘नालायक’ जैसी टिप्पणियों से सार्वजनिक बयानबाजी का घटता स्तर स्पष्ट नजर आया। सावधानी और संयम के बिना नेताओं द्वारा असंयमित और अपमानजनक भाषा का उपयोग किये जाने के उदाहरणों ने प्रचार और चुनाव माहौल को खराब किया। चुनाव प्रचार के दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना ‘जहरीले सांप’ से की थी। गडग जिले के रॉन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए खरगे ने 27 अप्रैल को कहा, ‘‘गलती मत कीजिए। मोदी जहरीले सांप की तरह हैं....।’’ कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले खरगे को इस टिप्पणी के लिए भाजपा नेताओं की ओर से तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनावी रैलियों के दौरान इस मुद्दे को उठाया। इसके अलावा, चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भाजपा के विजयपुरा के उम्मीदवार बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तुलना ‘विषकन्या’ से की। कुछ दिनों बाद खरगे के बेटे प्रियांक ने अनुसूचित जातियों, विशेष रूप से खानाबदोश लम्बानी जनजातियों के लिए आंतरिक आरक्षण के संबंध में ‘भ्रम’ पर मोदी को ‘नालायक बेटा’ कहा था।
इसके अलावा, भ्रष्टाचार का मुद्दा भी चुनाव प्रचार में मुख्य रूप से छाया रहा और कांग्रेस व भाजपा दोनों ने ही इस पर एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस ने सत्तारुढ़ भाजपा पर हमला करना जारी रखते हुए उसे ‘40 प्रतिशत कमीशन सरकार’ कहा, तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान 85 प्रतिशत भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए विपक्षी दल पर पलटवार किया। उन्होंने कांग्रेस के चुनाव चिह्न ‘हाथ’ की तुलना एक ‘पंजे’ से करते हुए कहा, ‘‘कौन-सा पंजा था जिसने 85 फीसदी जनता का हिस्सा छीन लिया?’’ चुनाव प्रचार के दौरान हत्या करने के आरोप भी सुर्खियों में रहे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चित्तपुर के भाजपा उम्मीदवार मणिकांत राठौड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार को खत्म करने की साजिश रची। कांग्रेस ने बातचीत की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी कर दावा किया कि यह राठौड़ की है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर धमकी दी थी। हालांकि राठौड़ ने आरोपों से इंकार करते हुए इसे झूठ बताया।
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