मुस्लिम बहुल मलप्पुरम को इस नेता ने बताया अलग देश, विवाद बढ़ने पर बोले- जो कहा वो सच है

2011 की जनगणना के अनुसार, मलप्पुरम की आबादी 4.1 मिलियन से ज़्यादा है, जहाँ 70% से ज़्यादा मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। जिले की आबादी में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, जिनकी संख्या सिर्फ़ 27.6% है। एसएनडीपी एझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है, जिसकी केरल के कई हिस्सों में अच्छी-खासी मौजूदगी है। डियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने नटेसन की टिप्पणियों की निंदा की।
केरल के मलप्पुरम में एक सम्मेलन के दौरान स्थानीय राजनेता वेल्लापल्ली नटेसन के भाषण ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। राज्य भर के राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) योगम के महासचिव नटेसन ने मुस्लिम बहुल मल्लापुरम को एक अलग देश बताया। नटेसन ने जिले के चुंगथारा क्षेत्र में एक सभा में बोलते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि आप ताजी हवा में सांस लेकर मलप्पुरम में रह सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि आप स्वतंत्र राय देकर भी रह सकते हैं। मलप्पुरम एक अलग देश है। यह अलग-अलग लोगों का राज्य है। उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या पिछड़े समुदायों को दशकों की आज़ादी से कोई फ़ायदा हुआ है।
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2011 की जनगणना के अनुसार, मलप्पुरम की आबादी 4.1 मिलियन से ज़्यादा है, जहाँ 70% से ज़्यादा मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। जिले की आबादी में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, जिनकी संख्या सिर्फ़ 27.6% है। एसएनडीपी एझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है, जिसकी केरल के कई हिस्सों में अच्छी-खासी मौजूदगी है। डियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने नटेसन की टिप्पणियों की निंदा की। पार्टी अध्यक्ष सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि जब कोई मलप्पुरम जिले की आलोचना करता है, तो वह किसी एक विशेष समुदाय की आलोचना नहीं कर रहा होता है। आप महान लेखकों और कलाकारों के जिले की आलोचना कर रहे हैं। यह कई ऐतिहासिक मंदिरों वाला जिला है। यह सभी का जिला है। सिर्फ़ एक समुदाय का नहीं।
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बढ़ती आलोचना के बावजूद, नटेसन ने दोहराया कि वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैं एक शब्द भी वापस नहीं लूंगा। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनकी टिप्पणी मुस्लिम विरोधी थी। उन्होंने कहा कि मैंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ क्या कहा? अपने हालिया भाषण में, मैंने केवल इतना कहा कि मलप्पुरम में कोई सामाजिक न्याय नहीं है। यह सच है।
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