आपातकाल के दौर में संघ से जुड़े, J&K से 370 हटाने में निभाई अहम भूमिका, अब मिला समन्वय का काम, जानिए कौन हैं अरुण कुमार
सत्ता के साथ-साथ यानी बीजेपी के साथ आरएसएस के बीच के समन्वय का काम अरुण कुमार करेंगे। अरुण कुमार का जन्म साल 1964 में दिल्ली के झिलमिल इलाके में हुआ। आपातकाल के दौर में ही अरुण कुमार ने शाखा जाने शुरुआत की और महज 12 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए।
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बीती रविवार को संगठन स्तर पर बड़े बदलाव किए हैं। संघ ने सरकार्यवाह अरुण कुमार को भाजपा से समन्वय का काम सौंपा है, इसके साथ ही अरुण कुमार को संघ की राजनीतिक संपर्क कार्य का भी जिम्मा सौंपा गया है। अरुण कुमार से पहले दोनों काम डॉ कृष्णगोपाल देखते थे। गोपाल ने सुरेश सोनी का स्थान लिया था, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के बाद करीब एक दशक तक समन्वय की जिम्मेदारी संभाली थी। आरएसएस ने पश्चिम बंगाल में भी बड़ा बदलाव किया है। बंगाल और उड़ीसा के क्षेत्रीय प्रचारक प्रदीप जोशी को संघ का अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख बनाया गया है। बंगाल के प्रांत प्रचारक और जोनल प्रचारकों को भी बदला गया है।
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सत्ता के साथ-साथ यानी बीजेपी के साथ आरएसएस के बीच के समन्वय का काम अरुण कुमार करेंगे। अरुण कुमार का जन्म साल 1964 में दिल्ली के झिलमिल इलाके में हुआ। आपातकाल के दौर में ही अरुण कुमार ने शाखा जाने शुरुआत की और महज 12 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए और तब से लेकर आज तक लगातार सक्रिय हैं। अरुण कुमार संघ के प्रचार प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर पर आरएसएस के शोध केंद्र में भी अरुण कुमार प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं। कहा जाता है कि धारा 370 हटाने को लेकर भी उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई थी। बता दें कि यूपी के चित्रकूट में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबोले समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद हैं।
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