जानिए कौन हैं ? विरासत में राजनीति पाने वाले और जाटलैंड रोहतक से वर्तमान सांसद Deepender Singh Hooda

Deepender Singh
प्रतिरूप फोटो
ANI
Anoop Prajapati । Aug 28 2024 7:15PM

हरियाणा में चुनाव की घोषणा कर दी गई है। इसी के साथ राज्य में राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस के उभरते हुए नेता और जाटलैंड रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा को पार्टी को इस चुनाव में काफी उम्मीदें हैं। हुड्डा ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी।

चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा में चुनाव की घोषणा कर दी गई है। इसी के साथ राज्य में राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस के उभरते हुए नेता और जाटलैंड रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा को पार्टी को इस चुनाव में काफी उम्मीदें हैं। हुड्डा ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी के डॉ. अरविंद कुमार शर्मा को शिकस्त दी थी। इस चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा को कुल 7 लाख 83 हजार 578 वोट मिले थे। दीपेंद्र हुड्डा के पिता भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा भी वे कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और एकबार फिर मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं।

4 जनवरी 1978 को रोहतक में पैदा हुए दीपेंद्र हुड्डा राजनीति में अपने परिवार की चौथी पीढ़ी से हैं। उनके परदादा चौधरी मातू राम स्वतंत्रता सेनानी थे। वह अपने जीवनकाल में महात्मा गांधी के सहयोगी रहे। उनके बाद स्वतंत्रता आंदोलन में उनके दादा चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा कूद पड़े और आजादी मिलने के बाद संविधान सभा के सदस्य बने थे। वह रोहतक लोकसभा सीट से पहले और दूसरे चुनाव में जीतकर दो बार सांसद बने। इसके अलावा विधानसभा का चुनाव जीत कर तत्कालीन पंजाब सरकार में मंत्री भी बने थे। हरियाणा राज्य के गठन से पूर्व दीपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता चौधरी भूपेंद्र हुड्डा ने भी विरासत की राजनीति शुरू की। 

हालांकि, हरियाणा राज्य के गठन के बाद वह दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। दीपेंद्र हुड्डा भी उसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए रोहतक लोकसभा सीट से तीन बार जीत कर संसद चुके हैं। साल 2019 में लोकसभा चुनाव का हारने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें साल 2020 से राज्यसभा भेज दिया था। राजनीति में आने से पहले दीपेंद्र हुड्डा कई देशी-विदेशी कारपोरेट कंपनियों में शानदार नौकरी करते थे। साल 2005 में उन्होंने पहली पत्नी गीता ग्रेवाल को तलाक दिया था। इसके बाद वह नौकरी से ब्रेक लेकर कुछ समय के लिए अपने पिता के पास आ गए थे। 

इस दौरान भूपेंद्र हुड्डा के कहने पर ही वह 2005 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत कर संसद पहुंचे। उस समय वह सबसे कम उम्र के सांसद बने और राजनीति में मन लग गया तो वह रोहतक से ही साल 2009 और 2014 के भी चुनाव में उतरे और जीत कर संसद पहुंचे। लगातार 15 वर्षों तक सांसद रहते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने झज्जर में भारत के सबसे बड़े कैंसर संस्थान, आईआईएम और आईआईटी एक्सटेंशन कैंपस स्थापित कराया। इसके अलावा रोहतक में 5500 एकड़ के आईएमटी में मारुति प्लांट, एशियन पेंट्स, सुजुकी मोटरसाइकिल और कई अन्य बड़ी कंपनियां खुलवाई। 

स्वभाव से इंजीनियर दीपेंद्र हुड्डा की प्राथमिक शिक्षा मेयो कॉलेज अजमेर और दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम दिल्ली से हुई। दिल्ली से ही उच्च शिक्षा की पढ़ाई के बाद बीटेक किया और फिर एमबीए की पढ़ाई के लिए इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन गए। इस दौरान वह यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे। राजनीति में आने के बाद दीपेंद्र हुड्डा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साल 2016-20 तक के सत्र में एलएलबी कंपलीट किया। उनकी दूसरी शादी राजस्थान कांग्रेस के बड़े नेता नाथूराम मिर्धा की पोती श्वेता मिर्धा से हुई है।

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