Karnataka: केबी हेडगेवार का हटाया गया पाठ्यक्रम, भाजपा बोली- हिंदुओं के खिलाफ है सिद्धरमैया की सरकार

Siddaramaiah
ANI
अंकित सिंह । Jun 15 2023 4:13PM

शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि केबी हेडगेवार पर पाठ्यक्रम हटा दिया गया है ... उन्होंने (पिछली सरकार ने) पिछले साल जो भी बदलाव किए थे, हमने उन्हें बदल दिया है और पिछले साल से जो कुछ भी था उसे फिर से शुरू किया है।

कर्नाटक सरकार ने केबी हेडगेवार को पाठ्यक्रम से हटा दिया है। हेडगेवार को हटाने के अलावा, राज्य सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में संविधान की प्रस्तावना और भजनों को पढ़ना अनिवार्य करने का भी फैसला किया है। इसके अलावा, कर्नाटक सरकार ने पुराने कानूनों को वापस लाने के लिए राज्य में APMC अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार का ताजा कदम पिछली भाजपा सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों को संशोधित करने के लिए आया है।  

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भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि केबी हेडगेवार पर पाठ्यक्रम हटा दिया गया है ... उन्होंने (पिछली सरकार ने) पिछले साल जो भी बदलाव किए थे, हमने उन्हें बदल दिया है और पिछले साल से जो कुछ भी था उसे फिर से शुरू किया है। कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता बीसी नागेश ने कहा कि वे (कांग्रेस) मुसलमानों के वोट चाहते हैं, सिद्धरमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है ... वे हिजाब को फिर से पेश कर सकते हैं ... वे अल्पसंख्यकों के वोटों को आकर्षित करना चाहते हैं और हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहते हैं। 

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पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा की जाएगी

इससे पहले कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा था कि विद्यार्थियों के हित में इसी साल ही स्कूली पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मामला शीघ्र ही मंत्रिमंडल के सामने उसकी मंजूरी के लिए रखा जाएगा। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किये गये बदलावों को तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने का वादा किया था। पिछली भाजपा सरकार के दौरान पाठ्यपुस्तकों को लेकर विवाद हो गया था। तब विपक्षी कांग्रेस और कुछ लेखकों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषण को अध्याय के रूप में शामिल कर तथा स्वतंत्रता सेनानियों, समाज सुधारकों संबंधी अध्यायों को हटाकर पाठ्यपुस्तकों का कथित रूप से भगवाकरण करने को लेकर पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के तत्कालीन प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ को बर्खास्त करने की मांग की थी।

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