SDPI के विरोध के आगे झुकी कर्नाटक सरकार! लड़कियों को हिजाब पहनने से रोकने वाली उडुपी के प्रिंसिपल को नहीं मिलेगा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार

hijab
ANI
रेनू तिवारी । Sep 5 2024 11:29AM

कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी SDPI के विरोध के बाद कर्नाटक सरकार ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाली प्रिंसिपल को सम्मानित करने का अपना फैसला वापस ले लिया है।

कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी SDPI के विरोध के बाद कर्नाटक सरकार ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाली प्रिंसिपल को सम्मानित करने का अपना फैसला वापस ले लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक शिक्षा विभाग ने उडुपी जिले के कुंडापुरा पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल बीजी रामकृष्ण को 'सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल' पुरस्कार के लिए चुना था, लेकिन अब उन्हें यह सम्मान नहीं दिया जा रहा है। कर्नाटक में शिक्षा विभाग हर साल शिक्षक दिवस पर सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल को सम्मानित करता है।

इसे भी पढ़ें: Neerja Bhanot Death Anniversary: नीरजा भनोट की मौत पर पाकिस्तान ने भी बहाए थे आंसू, ऐसी थीं 'ब्रेव डॉटर ऑफ इंडिया'

SDPI प्रतिबंधित संगठन PFI की राजनीतिक शाखा है

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 'सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल' पुरस्कार के लिए दो शिक्षकों का चयन किया गया था, जिसमें उडुपी के कुंडापुरा पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल बीजी रामकृष्ण और मैसूर जिले के हुनसुरु पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ए. रामेगौड़ा शामिल हैं। जैसे ही यह खबर सामने आई कि रामकृष्ण को 'सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल' पुरस्कार दिया जा रहा है, प्रतिबंधित इस्लामी संगठन PFI की राजनीतिक शाखा कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी SDPI ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

'हिजाब बैन' पर भारी हंगामा

बीजी रामकृष्ण ने पीयू कॉलेज के नियमों का पालन करते हुए फरवरी 2022 में हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को कक्षा में प्रवेश नहीं करने दिया था। उनके इस फैसले के बाद पूरे राज्य में 'हिजाब बैन' को लेकर भारी हंगामा हुआ था। रामकृष्ण ने बताया कि बुधवार को उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि तकनीकी कारणों से फिलहाल उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि हालांकि उनका पुरस्कार रद्द नहीं किया गया है।

इसे भी पढ़ें: Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा बीजेपी उम्मीदवारों की सूची आने के बाद, रतिया विधायक लक्ष्मण नापा ने पार्टी छोड़ी, अब तक कई पत्ते कटे

विवाद से बचने के लिए नहीं दिया गया पुरस्कार

रामकृष्ण को यह सम्मान दिए जाने की खबर सामने आते ही प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पीएफआई की राजनीतिक इकाई एसडीपीआई ने सबसे पहले इसका विरोध किया। एसडीपीआई के विरोध के बाद कई कट्टरपंथी ताकतें और अन्य लोग सक्रिय हो गए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर शिक्षा विभाग की आलोचना करते हुए कई पोस्ट किए गए। शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक किसी भी विवाद से बचने के लिए फिलहाल रामकृष्ण को पुरस्कार न देने का फैसला किया गया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़