कमलनाथ ने शिवराज सरकार को बताया किसान विरोधी, बोले- काले कानून का समर्थन करना शर्मनाक

Kamal Nath told Shivraj government
दिनेश शुक्ल । Dec 17 2020 10:56PM

उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार के वर्तमान तीन कृषि काले कानूनों का शिवराज सरकार साहस दिखाते हुए विरोध कर किसानों के समर्थन में खुलकर खड़ी हो जाती तो शायद इनके पापों का प्रायश्चित हो जाता और किसान इन्हें इनकी पूर्व की गलतियों के लिए माफ कर देते

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि एक तरफ देश भर के हजारों किसान कड़ाके की ठंड में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर अपने परिवारों के साथ केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में कई किसान अपनी जान भी गवा चुके हैं और वही दूसरी तरफ खुद को किसान पुत्र कहलवाने वाले और ख़ुद को सच्चा किसान हितेषी बताने वाली मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार इन काले कानूनों के समर्थन में प्रायोजित जन जागरण अभियान, पत्रकार वार्ता, चौपाल और सम्मेलन कर रही है? यह बड़ा ही शर्मनाक है। 

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मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बयान जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश की भाजपा की सरकार को भी अकाली दल की तरह ही साहस दिखाते हुए किसानों के समर्थन में खड़ा होकर अपनी केंद्र सरकार का खुलकर विरोध करना था। इन क़ानूनों को वापस लेने की माँग करना थी और इन काले क़ानूनों के विरोध में चौपाल, सम्मेलन आयोजित कर विधानसभा में सर्वसम्मति से इसके खिलाफ़ प्रस्ताव पारित करना था लेकिन इसके उलट मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार बेहद शर्मनाक रवैया अपनाते हुए इन कानूनों के समर्थन के नाम पर गुमराह करने के लिये जन जागरण अभियान चलाने का काम करने जा रही है? इससे शिवराज सरकार का किसान विरोधी रवैया उजागर हो गया है।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जानते हैं कि यह तीनों कृषि कानून किसान व किसान संगठनों से, विपक्षी दलों से, बगैर मत विभाजन के, बगैर चर्चा के तानाशाही तरीके से थोपे गए हैं। यह क़ानून भी नोटबंदी व जीएसटी की तरह ही किसानो के साथ धोखा है, इसमें भी झूठे सपने दिखाये जा रहे हैं। देशभर का किसान इन कानूनों का विरोध कर रहा है क्योंकि इन कानूनों के लागू होने से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हो जाएगी, मंडी व्यवस्था खत्म होगी, जमाखोरी व मुनाफाखोरी बढ़ेगी, कारपोरेट जगत को फायदा होगा, कांटैक्ट फार्मिग से किसान बंधुआ मजदूर बन जाएगा, किसान बर्बाद हो जाएगा।

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कमलनाथ ने कहा कि हमने तो घोषणा की थी कि यदि प्रदेश में हमारी सरकार बनी तो हम एमएसपी से कम खरीदी को अपराध वाला कानून प्रदेश में लागू करेंगे। शिवराज सरकार इन कानूनों को लेकर निरंतर झूठ परोस रही है कि इन कानूनों से एमएसपी खत्म नहीं होगी और मंडिया खत्म नहीं होगी, जबकि इन कानूनों में एमएसपी की ग्यारंटी का कोई जिक्र नहीं है, फिर किस आधार पर यह झूठ परोसा जा रहा है? शिवराज सरकार में तो एमएसपी घोषित जरूर होती है लेकिन मिलती नहीं।

कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया खुद को किसान पुत्र व सच्चा किसान हितेषी बताते हैं लेकिन यह सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार है।

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उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार के वर्तमान तीन कृषि काले कानूनों का शिवराज सरकार साहस दिखाते हुए विरोध कर किसानों के समर्थन में खुलकर खड़ी हो जाती तो शायद इनके पापों का प्रायश्चित हो जाता और किसान इन्हें इनकी पूर्व की गलतियों के लिए माफ कर देते लेकिन किसानों के समर्थन में खड़े होना तो दूर जिस प्रकार से किसान विरोधी इन बिलों के समर्थन में खड़े होने का निर्णय मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने लिया है। वह खुद बयां कर रहा है कि कृषि प्रधान मध्य प्रदेश कि वर्तमान भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार है। उसे किसान आंदोलन और किसानों के हित से कोई लेना-देना नहीं, किसानों की मांगों से कोई लेना-देना नहीं वह तो प्रायोजित जन जागरण अभियान, चौपाल व सम्मेलनों के माध्यम से झूठा संदेश देकर प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह करने का प्रयास करेगी कि यह तीन कृषि कानून किसानों के हित के हैं।

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