कमलनाथ ने कहा सौदेबाजी का कोई अनुभव नहीं, तो शिवराज बोले सिंधिया और उनके समर्थक असली लीडर और हीरो
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह भी लिखा कि, “मैं मेरे उन सभी साथियों का भी सम्मान करता हूँ, जिन्होंने कमलनाथ जी की स्वकेंद्रित बँटाधार सरकार को गिराने के लिए और प्रदेश की उन्नति के लिए अपनी-अपनी राजनीतिक कैरियर को दाँव पे लगा दिया! सारे पदों को त्याग दिया! अति कठोर निर्णय लिए और उस पर अडिग रहे”।
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जिसे चुनावी राजनीति से जोड़ा जा रहा है। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ऑनलाइन प्रेसवार्ता के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक नेताओं को असली लीडर और हीरो बताया है।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही दिग्विजय सिंह के विश्वास में सरकार गई वाले बयान को लेकर फंस चुके है। तो वही उन्होनें एक बार फिर बीजेपी पर खरीद फरोख्त के आरोप लगाए है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने 40 साल तक राजनीति की है जिसका उन्हें पर्याप्त अनुभव है, लेकिन सौदेबाजी का कोई अनुभव नहीं हैं। 22 विधायक पार्टी छोड़कर चले जाएंगे, इसका उन्हें अंदाजा नहीं था।
जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने शब्दों के बाण छोड़ते हुए ट्वीटर के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को जवाब दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “भ्रष्टाचार में लिप्त कमल नाथ सरकार को उखाड़ फेंकने में मदद करने वाले असली लीडर और हीरो हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में त्राही-त्राही मचा दी थी। भ्रष्ट्राचार में लिप्त सरकार को उखाड़ फेंकने में मदद करने वाले ही असली लीडर, असली हीरो होते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ऐसे नेता है, जिन्होनें प्रदेश का हित सर्वोपरि रखा और भ्रष्ट्र सरकार से अपने साथियों सहित किनारा किया।“
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीटर के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होनें कहा कि सरकार बनाने और चलाने के लिए प्रजा हित को सर्वोपरि रखना पड़ता है। जो प्रदेश के मुखिया प्रजा को छोड़ एक परिवार की पूजा में लिप्त रहते हैं, वो कभी जनता की सरकार बना नहीं सकते और अगर गलती से कभी बना भी लें तो ज़्यादा दिन चला नहीं सकते। ये जो पब्लिक है वो सब जानती है।
ट्वीटर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह भी लिखा कि, “मैं मेरे उन सभी साथियों का भी सम्मान करता हूँ, जिन्होंने कमलनाथ जी की स्वकेंद्रित बँटाधार सरकार को गिराने के लिए और प्रदेश की उन्नति के लिए अपनी-अपनी राजनीतिक कैरियर को दाँव पे लगा दिया! सारे पदों को त्याग दिया! अति कठोर निर्णय लिए और उस पर अडिग रहे”।
इसके पहले ऑनलाइन प्रेसवार्ता के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने और दिग्विजय सिंह के संबंधों को लेकर कहा कि जैसे पहले संबंध थे, आज भी वैसे ही हैं। उन्होंने 22 विधायकों के पार्टी छोड़कर जाने को लेकर कहा कि बेंगलुर जाने के पहले और बाद में दो-तीन विधायकों ने उनसे बातचीत की थी लेकिन उनसे उन्होंने यही कहा था तो उन्हें जो अच्छा लगे वे फैसला लें। कमल नाथ ने कहा कि वे यह नहीं मानते कि जो पार्टी छोड़कर गए वे असंतुष्ट थे बल्कि प्रलोभन में गए, क्योंकि प्रत्येक विधायक की सूची है कि किसने क्या-क्या काम कराए। कमलनाथ ने एक बार फिर शिवराज सरकार को टेलीविजन और अपनी सरकार को विजन की सरकार बताया।
बहरहाल पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री के बीच हुई यह राजनीतिक बायनबाजी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। कोई इसे राज्य में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों से जोड़कर देख रहा है तो कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर विपक्ष के लगातार तीखे होते हमलों का जवाब बता रहा है। जो आने वाले समय में और तीखे हो सकते है।
पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में त्राही-त्राही मचा दी थी। भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार को उखाड़ फेंकने में मदद करने वाले ही असली लीडर, असली हीरो होते हैं।@JM_Scindia जी ऐसे नेता है, जिन्होंने प्रदेश का हित सर्वोपरि रखा और भ्रष्ट सरकार से अपने साथियों समेत किनारा किया।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 3, 2020
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