Emergency को लेकर कांग्रेस पर बरसे JP Nadda, कहा- कुर्सी बचाने के लिए लगाया गया था आपातकाल

JP Nadda
ANI
अंकित सिंह । Jun 25 2024 2:15PM

नड्डा ने आगे कहा कि दशकों पहले, कांग्रेस ने आपातकाल की घोषणा करके भारतीय राजनीति के इतिहास पर कलंक लगाने का साहस किया था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इमरजेंसी देखी है, इस सप्ताह आप उनसे जरूर मिलिए और उनसे जानने की कोशिश कीजिए कि भारत में कैसी परिस्थिति लाकर खड़ी कर दी गई थी।

भाजपा के 'लोकतंत्र के काले दिन' कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर वार किया है। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि 25 जून को हम यहां पर काला दिवस के रूप में मना रहे हैं। इमरजेंसी को याद करने का और प्रजातंत्र का गला घोंटने का जो कुत्सित प्रयास हुआ था, उसे जनता के सामने लाने का भाजपा प्रयास कर रही है और सारे देश में इस तरीके का कार्यक्रम कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमेशा से भारतीय शासन प्रणाली का हिस्सा रहा है, यह ब्रिटिश शासन की विरासत नहीं है।

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नड्डा ने आगे कहा कि दशकों पहले, कांग्रेस ने आपातकाल की घोषणा करके भारतीय राजनीति के इतिहास पर कलंक लगाने का साहस किया था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इमरजेंसी देखी है, इस सप्ताह आप उनसे जरूर मिलिए और उनसे जानने की कोशिश कीजिए कि भारत में कैसी परिस्थिति लाकर खड़ी कर दी गई थी। आज का नौजवान कभी कल्पना भी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि उस समय, जिन लोगों ने प्रजातंत्र की रक्षा के लिए अपनी आहुति दी थी, उनके कारण आज प्रजातंत्र मजबूत होकर खड़ा है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एक रात में 9 हजार लोगों को उठा लिया गया था। देश का कोई प्रमुख नेता नहीं बचा था। मोरारजी देसाई, मोहन धारिया, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी... ऐसी लंबी श्रृंखला है। इन नेताओं को एक दिन या दो दिन नहीं, बल्कि 19 महीनों से ज्यादा जेल में रहना पड़ा था। इन नेताओं का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने प्रजातंत्र की रक्षा और मजबूती के लिए आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि 12 जून, 1975 को इलाहाबाद की हाई कोर्ट का फैसला आया और कोर्ट ने अनुचित तरीके से चुनाव लड़ने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का चुनाव निरस्त कर दिया गया था और उन पर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। 

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नड्डा ने आगे कहा कि इसके बाद संविधान को बदलकर इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी को बचाने का प्रयास किया। जिसके बाद पूरा देश उद्वेलित हो गया और इस उद्वेलना को रोकने के लिए इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 की रात को आपातकाल की घोषणा की और हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच में, उनकी कार्यशैली में प्रजातंत्र की कोई गुंजाइश ही नहीं है। जिसने विरोध किया, उसे समाप्त करने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।

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